विदेश

डोनाल्ड ट्रंप नहीं लड़ पाएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव, कोर्ट से बड़ा झटका

वाशिंगटन
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अमेरिका की एक अदालत ने ट्रंप को 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है. यह फैसला अमेरिका में कैपिटल हिल हिंसा में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की भूमिका को देखते हुए अदालत ने सुनाया है. अमेरिका की कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट (भारत में हाई कोर्ट की तरह) ने ट्रंप के खिलाफ यह फैसला दिया है.

अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि ट्रंप अगले साल अमेरिका में होने वाले चुनाव में भाग नहीं ले सकते हैं. हालांकि, पूरी उम्मीद है कि ट्रंप इस फैसले के खिलाफ अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. कोलाराडो की सर्वोच्च अदालत ने इस मामले पर 4-3 से फैसला सुनाते हुए ट्रंप को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है.

आम चुनाव पर पड़ सकता है असर

अमेरिका के इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी राष्ट्रपति उम्मीदवार को व्हाइट हाउस की रेस में शामिल होने से पहले अयोग्य करार दे दिया गया है. हालांकि, यह फैसला कोलोराडो के 5 मार्च के रिपब्लिकन प्राइमरी पर लागू होता है, लेकिन इसका असर 5 नवंबर के आम चुनाव को प्रभावित कर सकता है. बता दें कि ट्रम्प ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील करने की बात कही है.

ट्रंप समर्थकों ने कर लिया था कब्जा

बता दें कि चुनाव में हार से परेशान और धोखेबाजी का आरोप लगाने वाले डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने अमेरिकी संसद कैपिटल हिल का घेराव कर दिया था. घेराव के बाद ट्रंप समर्थकों ने अंदर घुसकर हमले को अंजाम दिया था. अमेरिकी संसद में गोलीबारी और तोड़फोड़ करने के बाद कई दफ्तरों पर कब्जा कर लिया गया था. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी, जबकि वाशिंगटन में पब्लिक इमरजेंसी का ऐलान कर दिया गया था.

उधर, डोनाल्ड ट्रम्प टीम की ओर से कहा गया है कि कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट का फैसला पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण निर्णय" है और इस फैसले के खिलाफ जल्द ही अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की जाएगी। ट्रंप टीम ने 6 जनवरी के कैपिटल हिल हिंसा मामले में कुछ भी गलत करने से इनकार किया है और 14वें संशोधन के मुकदमों को कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया है। ट्रंप के अभियान टीम की ओर से कहा गया है कि राज्य सुप्रीम कोर्ट का फैसला केवल कोलोराडो पर लागू होता है लेकिन ऐतिहासिक फैसला 2024 के राष्ट्रपति अभियान पर शासन करेगा।

ट्रंप पर आया यह फैसला वकील समूहों और ट्रम्प विरोधी मतदाताओं की जीत है, जिन्होंने 14वें संशोधन की धारा 3 के तहत ट्रम्प की उम्मीदवारी रोकने के लिए कई समान कानूनी चुनौतियां खड़ी की थीं। अमेरिकी संविधान में यह धारा गृह युद्ध के बाद जोड़ा गया था।

पीएम मोदी ने भी जाहिर की थी चिंता

अमेरिका के कैपिटल हिल में हुई हिंसा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि वाशिंगटन डीसी में हिंसा और उपद्रव की खबरों से उन्हें दुख पहुंचा. सत्ता का ट्रांसफर सही और शांतिपूर्ण ढंग से होना जरूरी है. इस तरह के प्रदर्शनों के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता है.

 

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