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स्पाइसजेट ने 10 विमानों के लिए पट्टा समझौते को अंतिम रूप दिया

कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल, इकाइयों को 2,445 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले

स्पाइसजेट ने 10 विमानों के लिए पट्टा समझौते को अंतिम रूप दिया

थोक मुद्रास्फीति फरवरी में घटकर 0.2 प्रतिशत पर आई

नई दिल्ली
 कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल और उसकी इकाइयों को 2,445 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले हैं।

 जारी बयान के अनुसार, नए ऑर्डरों में भारत और विदेशी बाजारों में 2,366 करोड़ रुपये के पारेषण और वितरण (टीएंडडी) कारोबार के ऑर्डर शामिल हैं। इसके अलावा, इसे 79 करोड़ रुपये का 'बिल्डिंग्स एंड फैक्ट्रीज' (बीएंडएफ) कारोबार परियोजना भी मिली है।

बयान के अनुसार, कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड (केपीआईएल) और इसकी अंतरराष्ट्रीय अनुषंगी कंपनियों ने 2,445 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर/अधिसूचना हासिल किए है।

केपीआईएल के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मनीष मोहनोट ने कहा, ‘राष्ट्रीय पारेषण प्रणाली को बढ़ावा देने, नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण को सुविधाजनक बनाने पर जोर दिए जाने के कारण हम भारत में टीएंडडी अवसरों पर आशावादी बने हुए हैं। ये ऑर्डर हमारे घरेलू टीएंडडी कारोबार को काफी मजबूत करेंगे और भविष्य की वृद्धि के लिए अच्छी जमीन प्रदान करेंगे।’

स्पाइसजेट ने 10 विमानों के लिए पट्टा समझौते को अंतिम रूप दिया

मुंबई,
स्पाइसजेट ने अपनी क्षमता विस्तार के उद्देश्य से 10 विमानों के लिए पट्टा समझौते को अंतिम रूप दे दिया है। कंपनी ने  यह जानकारी दी। हालिया निपटान समझौतों के तौर पर इसे तीन विमान ढांचे भी प्राप्त हुए हैं।

एक अधिकारी ने कहा कि एयरलाइन आठ विमानों के संबंध में पट्टादाताओं के साथ भी बातचीत कर रही है जिनका पट्टा इस महीने समाप्त हो रहा है। कंपनी इनमें से कम से कम छह विमानों को अपने पास बनाए रखना चाहती है।

इसके अलावा, अधिकारी ने कहा कि जिन दो विमानों को रोक दिया गया था वे वापस परिचालन में आ गए हैं। फिलहाल स्पाइसजेट के बेड़े में 30 से ज्यादा विमान हैं। बृहस्पतिवार को एक विज्ञप्ति में एयरलाइन ने कहा कि उसने 10 विमानों के लिए पट्टा समझौते को अंतिम रूप दे दिया है।

 

थोक मुद्रास्फीति फरवरी में घटकर 0.2 प्रतिशत पर आई

नई दिल्ली
 थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में घटकर 0.2 प्रतिशत हो गई, जो उससे पिछले महीने में 0.27 प्रतिशत थी। डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति अप्रैल से अक्टूबर तक नकारात्मक थी और नवंबर में 0.26 प्रतिशत पर सकारात्मक हो गई थी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने  बयान जारी कर कहा, ‘अखिल भारतीय थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) संख्या पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर फरवरी, 2024 के महीने के लिए 0.20 प्रतिशत (अस्थायी) है, जो फरवरी, 2023 से अधिक है।’

आंकड़ों के अनुसार फरवरी में खाद्य मुद्रास्फीति जनवरी के 6.85 प्रतिशत से मामूली बढ़कर 6.95 प्रतिशत हो गई। सब्जियों की महंगाई दर जनवरी के 19.71 से बढ़कर फरवरी में 19.78 फीसदी रही। दालों की थोक महंगाई दर फरवरी में 18.48 फीसदी रही, जो जनवरी में 16.06 फीसदी थी।

 

 

 

 

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