नई दिल्ली,RIN । मार्च में 5.5 प्रतिशत पर पहुंची खुदरा महंगाई दर, यह फरवरी से ज्यादा फूड और तेल की कीमतों में तेजी से ज्यादा बढ़ रही महंगाई दर देश में कोरोना की दूसरी लहर जारी है। यदि यह बेकाबू होती है तो आवाजाही पर लंबे समय प्रतिबंध लागू रहेंगे। इससे सप्लाई चेन प्रभावित होगी। ऐसा होने पर महंगाई का दबाव बढ़ सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अप्रैल बुलेटिन के एक आर्टिकल में यह बात कही गई है। यह आर्टिकल के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा की अगुवाई वाली टीम ने तैयार किया है। हालांकि, इसमें कहा गया है कि यह लेखकों के अपने विचार हैं। यह जरूरी नहीं है कि इनको आरबीआई के विचार माना जाए। देश में महंगाई दर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के जरिए मापी जाती है। इसे खुदरा महंगाई दर भी कहा जाता है। मार्च में यह महंगाई दर 5.5 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, जो फरवरी में 5 प्रतिशत थी। फूड और तेल की कीमतों में तेज बढ़ोतरी के कारण मार्च में महंगाई दर में उछाल आया था। आरबीआई ने महंगाई दर को 2-6 प्रतिशत के बैंड में बनाए रखने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने भी अगले पांच साल यानी 31 मार्च 2026 तक महंगाई दर को इसी बैंड के मध्य बनाए रखने का लक्ष्य रखा है।
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