राजनीति

भाजपा के संकटमोचक कहे जाने वाले होम मिनिस्टर अमित शाह ने महाराष्ट्र की कमान संभाली, सीटों पर मचा है घमासान

नई दिल्ली मुंबई
महाराष्ट्र में NDA के बीच सीट बंटवारे को लेकर पैदा हुए मतभेदों के बीच अमित शाह ने कमान संभाल ली है। भाजपा के संकटमोचक कहे जाने वाले होम मिनिस्टर अमित शाह मंगलवार को महाराष्ट्र पहुंचेंगे। चर्चा है कि इस दौरान वह एक मीटिंग कर सकते हैं, जिसमें सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा होगी। दरअसल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भाजपा के बीच कुछ सीटों को लेकर मतभेद पैदा हो गए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अमित शाह के पहुंचने पर एकनाथ शिंदे सेना से बात आसान होगी और मसले का समय रहते ही हल हो जाएगा।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि शिंदे सेना और अजित पवार की एनसीपी के साथ मराठवाड़ा, विदर्भ और उत्तर महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग को लेकर मतभेद हैं। इन्हें समय रहते सुलझाना और फिर कैंडिडेट्स का ऐलान करना जरूरी है ताकि चुनाव के लिए समय मिल सके। खबर है कि अमित शाह विदर्भ के अकोला में मीटिंग करेंगे। फिर उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव में एक यूथ कॉन्क्लेव को संबोधित करेंगे। यही नहीं मराठवाड़ा के संभाजीनगर में भी एक रैली में जाएंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस मीटिंग में अमित शाह गठबंधन के ढीले पेचों को कसेंगे।

दरअसल अकोला, बुलढाणा, अमरावती, चंद्रपुर और वर्धा जैसी कुछ सीटों को लेकर मतभेद पैदा हो गए हैं। भाजपा इनमें से कई सीटों पर दावेदारी कर रही है, जबकि शिंदे सेना भी यहां से कैंडिडेट उतारना चाहती है। अमरावती की ही बात करें तो यहां से चर्चित महिला नेता नवनीत राणा सांसद हैं। वह निर्दलीय सांसद हैं और इस बार वह भाजपा के टिकट पर उतरने के लिए तैयार हैं। लेकिन यहां मसला यह फंस रहा है कि उनके खिलाफ गलत जाति प्रमाण पत्र दिखाने का केस चल रहा है। ऐसे में पार्टी उन्हें उतारने से भी बचना चाह रही है। इसके अलावा शिवसेना का भी इस सीट पर दावा है। शिंदे सेना का बुलढाणा सीट पर भी दावा है।

इसके अलावा चंद्रपुर सीट पर भी पेच फंस रहा है। यहां भाजपा के भीतर ही मतभेद हैं। इस सीट से भाजपा राज्य में मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को उतारना चाहती है, जो कोमटी ओबीसी वर्ग के हैं। वहीं कुछ नेताओं की राय है कि यहां से किसी कुनबी नेता को मौका मिले, जिनकी यहां बहुलता है। दरअसल भाजपा के लिए विदर्भ गढ़ बना हुआ है। 2019 में पार्टी ने यहां की 10 में से 5 सीटें जीती थी और शिवसेना को 3 मिली थीं। इस तरह विपक्षी खेमे में 2 ही सीटें गई थीं। वहीं उत्तर महाराष्ट्र की जलगांव, रावेर, डिंडोरी, नासिक, धुले, नंदूरबार, शिरडी और अहमदनगर सीटों को लेकर भी मतभेद पैदा हो रहे हैं।

 

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