मध्यप्रदेश

मंत्री इंदर परमार व पशुपालन मंत्री पटेल ने महिला पशु चिकित्सकों के प्रथम प्रांतीय अधिवेशन का शुभारंभ

भोपाल

 

पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल ने कहा है कि पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है और उनकी भागीदारी निरंतर बढ़ती जा रही है। महिलाओं के इस क्षेत्र में रूझान में उत्तरोत्तर वृद्धि का एक महत्वपूर्ण कारण महिलाओं का पशुओं के प्रति नैसर्गित ममत्व एवं सहिष्णुता है। पशु चिकित्सा के क्षेत्र में महिला चिकित्सकों की सहभागिता उल्लेखनीय है और प्रदेश की आर्थिक उन्नति में उनका योगदान रेखांकित करती है। महिला पशु चिकित्सकों के प्रथम प्रांतीय अधिवेशन के आयोजन के लिये आयोजक बधाई के पात्र हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, पशु चिकित्सा एवं डेयरी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल और सांसद वी.डी. शर्मा ने आज पशुपालन संचालनालय के सभागार में प्रांतीय राजपत्रित पशु चिकित्सक संघ द्वारा आयोजित "महिला पशु चिकित्सकों की पशुपालकों के सशक्तिकरण एवं अद्यमिता विकास में भूमिका" विषय पर केन्द्रित महिला पशु चिकित्सकों के 2 दिवसीय प्रथम प्रांतीय अधिवेशन "भव्या-2024" का शुभारंभ किया। विभागीय स्मारिका का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, सांसद वी.डी. शर्मा, प्रमुख सचिव पशुपालन गुलशन बामरा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

पशु चिकित्सा राज्य मंत्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र पर विशेष जोर है। कृषकों की आय दोगुनी करने में पशुपालन एवं डेयरी का महत्वपूर्ण योगदान है। आगामी 6 मार्च को मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में विषय विशेषज्ञों का एक सम्मेलन भी प्रस्तावित है। मंत्री पटेल ने कहा कि वर्तमान में चलित पशु चिकित्सा वाहन 1962 चल रहे हैं। इनकी संख्या को बढ़ाया जायेगा।

मंत्री पटेल ने कहा कि महिला पशु चिकित्सकों का कार्य चुनौतीपूर्ण है। कई बार उन्हें समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। हमारा प्रयास रहेगा कि उनकी हर समस्या का समाधान किया जाए और उन्हें अपने कार्य से संबंधी हर सुविधा प्रदान की जाए। मध्यप्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण के लिये निरंतर कार्य कर रही है। शासकीय सेवाओं में उन्हें आरक्षण दिया गया है। जीडीपी में महिलाओं की हिस्सेदारी अधिक से अधिक बढ़े, इसके लिये निरंतर प्रयास किये जायेंगे।

उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने प्रासंगिक विषय पर विचार मंथन के लिए महिला पशु चिकित्सकों के प्रांतीय अधिवेशन के आयोजन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। परमार ने कहा कि भारत की ग्रामीण परम्परा में अर्थव्यवस्था का आधार हमेशा पशु और कृषि के साथ मातृशक्ति का योगदान रहा है। भारत शुरू से ही विश्व में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था में डेयरी उद्योग का महत्वपूर्ण योगदान है। पशुपालन एवं उनके जीवन रक्षण के लिए पशु चिकित्सको द्वारा किया जा रहा कार्य ईश्वरीय कार्य है। भारतीय परंपरागत कौशल को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर लोगों के जीवन को सरल और बेहतर बनाया जा सकता है। 2047 के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए हर क्षेत्र में स्वत्व के भाव से कार्य करना होगा।

इस अवसर पर नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, संघ के अध्यक्ष उमेश शर्मा, संचालक पशुपालन डॉ. आर.के. मेहिया, डॉ. लक्ष्मी श्रीनिवासन और डॉ. गोल्डी जोशी उपस्थित थे।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button