एम्स 9 से 14 साल की 131 लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर के इलाज की फ्री में लगाएगा वैक्सीन
भोपाल
मध्य प्रदेश में सर्वाइकल कैंसर के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जिसे लेकर लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही हैं। एक सर्वे के मुताबिक देश में हर साल करीब 13 लाख महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित होती हैं। जिनमें से लगभग 80 हजार महिलाओं की मौत सर्वाइकल कैंसर के कारण हो जाती है। राजधानी भोपाल स्थित एम्स सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए एक अहम कदम उठाने जा रहा है।
विश्वनाथ केयर फाउंडेशन ने एम्स भोपाल को सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए 262 टीके उपलब्ध कराए गए हैं। एम्स भोपाल 131 लड़कियों को यह टीका मुफ्त लगाएगा और 9 से 14 साल की लड़कियों में 6 महीने के अंतराल पर वैक्सीन की दो खुराक लेने के बाद सर्वाइकल कैंसर का खतरा लगभग पूरी तरह खत्म हो जाता है। साथ ही एम्स भोपाल अपना दीक्षांत समारोह 2 मार्च को मनाएगा और इसके अलावा एम्स भोपाल का 12वां स्थापना दिवस 3 मार्च को मनाया जाएगा। सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए कुछ सुझाव दिए गए है।
हर तीन साल में करना चाहिए जांच
एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने मीडिया से चर्चा में बताया कि 30 साल की उम्र के बाद हर तीन साल में सवाईकल कैंसर की जांच के लिए पैपस्मीयर टेस्ट कराना चाहिए। एम्स भोपाल के अलावा, सभी मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पतालों में यह टेस्ट आसानी से हो जाता है। हर तीन साल में यह जांच जरूरी है। जिन्हें टीका लगा है उन्हें भी जांच कराना चाहिए।
छह प्रतिशत महिलाएं होती हैं बीमारी की शिकार
सामान्य आबादी में हर समय लगभग छह प्रतिशत महिलाएं इस बीमारी से संक्रमित मिलती हैं। इसका संक्रमण शारीरिक संबंध के माध्यम से फैलता है। इस कारण किशोरियों को टीका लगाने से अधिक लाभ मिलता है। जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 में यह टीका लगाने की तैयारी सभी राज्यों में की थी। लेकिन कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद इसे रोक दिया गया था। अब केंद्र सरकार वर्ष 2023 से यह टीका लाने की तैयारी कर रही थी। बजट में घोषणा के बाद इसमें तेजी आएगी। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे ज्यादा रोगी सर्वाइकल (बच्चेदानी) कैंसर से पीड़ित मिल रहे हैं।
एक लाख में 12 सर्वाइकल कैंसर के रोगी
आइसीएमआर के नेशनल सेंटर फार डिसीज इंफारमेटिक्स एंड रिसर्च (एनसीडीआइआर) की कैंसर को लेकर 2020 में जारी आखिरी रिपोर्ट के अनुसार भोपाल में प्रति लाख आबादी पर सर्वाइकल कैंसर के 12.8 रोगी मिले थे। पूरे प्रदेश की लगभग यही स्थिति है। सर्वाइकल कैंसर के लिए 99 प्रतिशत तक ह्यूमन पिपलोमा वायरस (एचपीवी) जिम्मेदार है। पुरुष भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। इसका संक्रमण शारीरिक संबंध के माध्यम से फैलता है। इस कारण किशोरियों को टीका लगाने से अधिक लाभ मिलता है।
पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लगेगा टीका
डॉ अजय सिंह ने बताया कि एम्स भोपाल पहले आओ पहले पाओ के आधार पर 131 बच्चियों को यह वैक्सीन मुफ्त में लगाएगा। 9 से 14 साल तक की लड़कियों में 6 महीने के अंतराल पर दो डोज वैक्सीन लगाने के पश्चात सर्वाइकल कैंसर का खतरा लगभग पूरी तरह से टल जाता है। यहां यह बताना भी जरूरी होगा कि बाजार में यह टीका लगभग 4000 में मिलता है। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह ने कहा है कि प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहते हैं।