मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी के अधिकारी-कर्मचारियों को मिला नई संविदा नीति का लाभ
सरकार किसानों के साथ हर कदम पर खड़ी है: कृषि मंत्री कंषाना
मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी के अधिकारी-कर्मचारियों को मिला नई संविदा नीति का लाभ
चार साल में 14 हजार 712 मलबरी रेशम उत्पादकों और 6 हजार 525 टसर रेशम उत्पादकों को कराया गया एक्सपोजर विजिट
भोपाल
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने कहा है कि ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा किसान भाइयों को मिलेगा। किसानों के साथ सरकार हर कदम पर खड़ी है।
कृषि मंत्री कंषाना ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ओलावृष्टि से हुए नुकसान के सर्वे के निर्देश दे दिए हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि किसान भाई चिंता ना करें। क्षतिग्रस्त हुई फसलों का सर्वे किया जा रहा है। नुकसान की भरपाई सरकार करेगी।
मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी के अधिकारी-कर्मचारियों को मिला नई संविदा नीति का लाभ
भोपाल
नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उपक्रम मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी (एमपीयूडीसी) के कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों को अब प्रदेश की नई संविदा नीति का लाभ मिलेगा। इस संबंध में कम्पनी के प्रबंध संचालक भरत यादव ने आदेश जारी कर दिये हैं। आदेश जारी होने के बाद कम्पनी के कार्मिकों ने राज्य सरकार के प्रति आभार जताया है। प्रदेश में कार्यरत कार्मियों के संविदा नीति के संबंध में जुलाई-2023 में राज्य सरकार ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये थे।
संविदा नीति के लाभ के अंतर्गत कार्मिकों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनुसार वेतन वृद्धि, उनकी सेवाकाल में मृत्यु होने पर अनुकम्पा नियुक्ति, उपादान भुगतान, राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ और स्वास्थ्य बीमा लाभ जैसी सुविधाएँ मिलने लगेगी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में एमपीयूडीसी के कर्मचारियों को किसी भी तरह की वेतन वृद्धि नहीं मिल पा रही थी। इन कर्मियों को सुविधाएँ भी बहुत सीमित स्तर पर मिल रही थीं। नये आदेश जारी होने के बाद मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी की 13 परियोजना क्रियान्वयन इकाइयों और परियोजना प्रबंधन इकाई में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों को नई संविदा नीति का लाभ मिलेगा।
चार साल में 14 हजार 712 मलबरी रेशम उत्पादकों और 6 हजार 525 टसर रेशम उत्पादकों को कराया गया एक्सपोजर विजिट
भोपाल
कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा विभिन्न किस्मों के रेशम उत्पादक किसानों को नई-नई उत्पादन तकनीकें सीखने के लिए राज्य के अंदर एवं राज्य के बाहर एक्सपोजर विजिट कराई जाती है। विभाग द्वारा हर वित्त वर्ष में चयनित पात्र किसानों को समुचित प्रशिक्षण एवं फील्ड भ्रमण कराकर उपज के विकास एवं विस्तार के नये आयामों एवं नवाचारों के बारे में बताया जाता है, ताकि वे आधुनिक तकनीकें अपनाकर अपनी उपज बढ़ा सकें।
विभाग की यह योजना सफलतापूर्वक क्रियान्वित की जा रही है। वित्त वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक 14 हजार 712 मलबरी रेशम उत्पादकों एवं 6 हजार 525 टसर रेशम उत्पादकों को राज्य के अंदर एवं राज्य के बाहर एक्सपोजर विजिट कराई गयी है। वित्त वर्ष 2018-19 में 7 हजार 962 मलबरी उत्पादकों व 2 हजार 798 टसर उत्पादकों तथा वित्त वर्ष 2019-20 में 2 हजार 649 मलबरी उत्पादकों व एक हजार 370 टसर उत्पादकों को एक्सपोजर विजिट में विधिवत प्रशिक्षण देकर फील्ड भ्रमण भी कराया गया। वित्त वर्ष 2020-21 में कोविड-19 संक्रमण के कारण एक्सपोजर विजिट नहीं कराये जा सके। वित्त वर्ष 2021-22 में 2 हजार 493 मलबरी उत्पादकों व एक हजार 557 टसर उत्पादकों तथा वित्त वर्ष 2022-23 में एक हजार 608 मलबरी उत्पादकों व 800 टसर उत्पादकों को एक्सपोजर विजिट कराई गयी।
विगत चार सालों में बालाघाट, मंडला, नरसिंहपुर, शहडोल, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, बैतूल, खण्डवा, राजगढ़, सीहोर, इंदौर, उज्जैन एवं गुना जिले के मलबरी और टसर रेशम उत्पादक किसान/हितग्राही योजना से लाभान्वित हुए। मलबरी रेशम उत्पादक किसानों/हितग्राहियों को महाराष्ट्र राज्य तथा टसर रेशम उत्पादक किसानों/हितग्राहियों को झारखण्ड, छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र राज्य में फील्ड भ्रमण व एक्सपोजर विजिट कराई गयी है।