मध्यप्रदेश

नगरीय क्षेत्रों में नागरिकों की सेवा के लिये परिवहन सुविधा का विस्तार किया जाए- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

प्रदेश के 6 शहरों को परिवहन सुविधा के लिये 552 पीएम ई बसें मिली

नगरीय क्षेत्रों में नागरिकों की सेवा के लिये परिवहन सुविधा का विस्तार किया जाए- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

इंदौर को 150, भोपाल को 100, ग्वालियर 70, जबलपुर 100, उज्जैन 100 और सागर को 32 पीएम ई-बस संचालन की मंजूरी

मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रस्ताव को मिली मंजूरी

भोपाल

प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में परिवहन सुविधा को सुलभ बनाने के लिये नगरीय प्रशासन विकास विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगरीय प्रशासन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि नगरीय क्षेत्रों में नागरिकों की सेवा के लिये परिवहन सुविधा का विस्तार किया जाए।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में नागरिकों की नगर परिवहन सुविधा को देखते हुए केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय को इस मद में मांग के अनुसार आवंटन दिये जाने का अनुरोध किया था, जिसे केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया है।

प्रस्ताव के प्रमुख बिन्दु

    552 बसें 6 शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन और सागर को मिली हैं।

    इंदौर को 150, भोपाल को 100, ग्वालियर 70, जबलपुर 100, उज्जैन 100 और सागर को 32 पीएम ई-बस संचालन की मंजूरी मिली है।

    प्रस्ताव की निविदा केन्द्र सरकार जारी करेगी।

    बस डिपो के निर्माण के लिये 10 करोड़ रूपये की राशि प्रत्येक शहर को केन्द्र सरकार से प्राप्त होगी।

    बसों का संचालन संबंधित नगर निगम किया जाएगा। बसों में ड्राइवर एवं कन्डक्टर की सेवाएँ ऑपरेटर द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।

    यात्री किराया और विज्ञापन की राशि से मिलने वाला राजस्व भी संबंधित नगर निगम को मिलेगा।

    बस संचालन में 22 रूपये प्रति किलोमीटर पर अनुदान राशि 12 साल तक केन्द्र सरकार द्वारा दी जाएगी।

    संचालनकर्ता राज्य को केन्द्र सरकार की ओर से गारंटी मिलेगी।

    मंजूर किये गये प्रस्ताव पर काम के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित होगी। कमेटी में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव ऊर्जा, प्रमुख सचिव नगरीय विकास, प्रमुख सचिव परिवहन सदस्य होंगे। कमेटी के सदस्य सचिव आयुक्त नगरीय प्रशासन विभाग होंगे।

 

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