छत्तीसगड़

दो आधुनिक न्यूटोनियन टेलिस्कोप की ली गई मदद

रायपुर

स्वामी आत्मानंद शहीद स्मारक स्कूल फाफाडीह रायपुर के सैकड़ों बच्चों ने करोड़ों मील दूर स्थित सूर्य के ब्लैक स्पॉट का अवलोकन किया। विज्ञानसभा के विशेषज्ञों की उपस्थिति में दो आधुनिक न्यूटोनियन टेलिस्कोप की मदद से आत्मानंद स्कूल के शिक्षकों और छात्र छात्राओं ने सुबह 10 से 12 बजे तक अंधविश्वासों के खिलाफ वैज्ञानिक चेतना की दर्जनों गतिविधियों में भागीदारी की और सुदूर अंतरिक्ष के रहस्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की।  विज्ञान सभा के संस्थापक सदस्य पी सी रथ इस अवसर पर चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या के लिये उपस्थित थे।

जनविज्ञान के लिये वैज्ञानिकों की भोपाल गैस कांड के बाद उपजी चिंताओं के कारण विज्ञानसभा का गठन मध्यप्रदेश के स्तर पर किये जाने की उन्होंने जानकारी दी। आगामी 28 फरवरी को सर सी वी रमन की स्मृति में विज्ञान दिवस मनाए जाने के कारण विगत एक सप्ताह से वैज्ञानिक जागरूकता वाले विविध कार्यक्रम किये जाने की उन्होंने जानकारी दी। समाज में सर्पो एवं टोनही के मुद्दे पर व्याप्त अंधविश्वासों के बारे में उन्होंने विस्तार से बताया । अंतरिक्षयान, शटल यान तथा विशाल गुब्बारों के माध्यम से अंतरिक्ष की गुत्थियों को सुलझाते हुए किस तरह खगोलविज्ञान की रिसर्च का फायदा चिकित्सा विज्ञान को भी मिलता रहा इसके बारे में श्री रथ ने जानकारी दी।

इस अवसर पर सुधीर तंबोली आजाद ने चमत्कार को नमस्कार की तर्ज में  हाथों में आग जलाने और मुंह में ग्रहण करने का प्रयोग करके तथा छात्र छात्राओं से करवा के उससे जुड़े विज्ञान के सिद्धांत को समझाया। उन्होंने बिना माचिस लाइटर के हवन कुंड में अग्नि प्रज्ज्वलित करने के चमत्कार को भी स्कूल के छात्र के हाथों से करवाया। इसके बाद इसके पीछे के वैज्ञानिक कारणों , केमिकल रिएक्शन को समझाया गया।
बालोद से आये भूपेश्वर नाथ योगी ने खगोलविज्ञान के ऐतिहासिक संदर्भो से अपनी बात प्रारंभ की और वर्तमान युग में आधुनिक रिसर्च के बारे में बताया।  टेलिस्कोप में फिल्टर का इस्तेमाल करके सूर्य और उसके धब्बे को देखने के लिये व्यवस्था की गई थी। बताया गया कि करोड़ो किमी की दूरी पर स्थित सूर्य के धब्बे इतने बड़े  हैं कि इसमें एक बार मे 15 पृथ्वियां समा सकती हैं।

युवा एक्टिविस्ट सचिन प्रधान भी अपने साथियों के साथ टेलिस्कोप के संयोजन में सक्रिय थे। संस्था के प्राचार्य आदित्य चांडक ने विज्ञान की गतिविधियों में भागीदारी के लिये छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित किया और विज्ञान सभा के अतिथियों को स्मृतिचिन्ह देते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। आत्मानंद स्कूल में बड़े टेलिस्कोप द्वारा अवलोकन का यह कार्यक्रम प्रथम बार किया गया था जिसका लाभ छात्र छात्राओं के साथ शिक्षकों, सहयोगियों ने भी उठाया।

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