विदेश

ब्रिटिश नियामक ने समलैंगिक डॉक्टर्स को दोबारा नौकरी पर रखने का आदेश दिया और माफी मांगी

लंदन
 दुनिया भर में LGBTQ का मुद्दा जोर गर्माया हुआ है, सिर्फ भारत में ही नहीं बाहर के देशों में भी इसे लेकर काफी रस्साकशी देखी जा रही है, भले ही वो देश खुद को इस कम्यूनिटी का सबसे बड़ा झंडाबरदार क्यों ना मानता हो। इसी लिस्ट में नाम आता है ब्रिटेन (Britain) का। दरअसल अब तक ब्रिटेन का मेडिकल रेगुलेटरी कुछ समलैंगिक (Homosexual) डॉक्टर्स को नौकरी से निकालता आ रहा है। क्योंकि उन्होंने समलैंगिक संबंध बनाए थे। इस पर ब्रिटेन की जनरल मेडिकल काउंसिल (GMC) ने इन डॉक्टर्स को चिह्नित कर नौकर से निकाल दिया था। लेकिन अब इसी काउंसिल ने इन डॉक्टर्स से माफी मांगी है और उन्हें वापस नौकरी पर रखने का आग्रह किया है।

पुरुष समलैंगिकता को गैरकानूनी किया था घोषित

बता दें कि ब्रिटेन (Britain) की जनरल मेडिकल काउंसिल (GMC) उन डॉक्टरों से औपचारिक माफी मांगी है। जिनकी उसने जांच की मंजूरी दी थी और चेतावनी जारी की थी। काउंसिल ने पुरुष समलैंगिकता को गैरकानूनी घोषित किय़ा था। लेकिन अब वो इस कानून को निरस्त करेंगे। बता दें कि GMC की स्थापना 1858 में हुई थी और ये दुनिया के सबसे पुराने मेडिकल रेगुलेटरी में से एक है। ये इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड में काम करने वाले डॉक्टरों का स्वतंत्र नियामक है। इसे पूछताछ शुरू करने का अधिकार है और इसे ये अधिकार भी है कि कौन से डॉक्टर काम करेंगे और कौन से नहीं।

नौकरी चली जाने के चलते आ गई थी आर्थिक तंगी

GMC ने 1899 और 1994 के बीच भी इस तरह की कार्रवाई की थी। जिसमें 40 पुरुष डॉक्टर्स के खिलाफ उनकी सेक्सुअलिटी (Homosexuality) के चलते नौकरी से हटा दिया गया था। तब भी वे नौकरी से निकाले गए थे। GMC के मुख्य कार्यकारी चार्ली मैसी ने कहा कि इसकी समीक्षा में सामने आए निष्कर्ष चौंकाने वाले थे। उन्होंने कहा कि एक नियामक के तौर पर हमने उन पुरुष डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की, जिन्हें दूसरे पुरुषों के साथ सहमति से यौन गतिविधियों में शामिल होने या शामिल होने का प्रयास करने का दोषी ठहराया गया था। लेकिन एनालिसिस रिपोर्ट में हमें पता चला कि हमने उनके करियर के साथ काफी गलत किया। कईयों का करियर खत्म हो गया, कई सड़क पर आने को मजबूर हुए। इसके लिए हम अब माफी मांगना चाहते हैं।

समलैंगिकता कानून ने पहुंचाया नुकसान

GMC अध्यक्ष प्रोफेसर डेम कैरी मैकएवेन ने कहा कि 1980 और उसके बाद के सालों में लागू समलैंगिकता संबंधी कानूनों और दृष्टिकोणों ने कई लोगों को व्यक्तिगत और व्यावसायिक नुकसान पहुंचाया है। जिसके लिए हमें खेद है। जब हमने मेडिकल रजिस्टर में शामिल लोगों के खिलाफ अतिरिक्त नियामक कार्रवाई की तो हमने उस नुकसान को और बढ़ा दिया। लेकिन अब ये खत्म होगा और जिन्हें समलैंगिकता के चलते नौकरी से निकाला जा रहा है उन्हें वापस नौकरी पर रखा जाएगा।

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