भदभदा बस्ती में लगातार दूसरे दिन चला बुलडोजर, 100 से अधिक मकानों को तोड़ा
भोपाल
राजधानी में बड़ा तालाब के नजदीक होटल ताज के सामने स्थित भदभदा बस्ती में लगातार दूसरे दिन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी रही। सुबह से दोपहर तक करीब 100 मकानों को तोड़ा गया। वहीं, बुधवार को यहां लोगों की सहमति से 30 मकान जमींदोज किए गए थे और 110 और लोगों ने अपने मकान हटाने की सहमति जिला प्रशासन को दी थी। आज उन्हीं मकानों को बुलडोजर के जरिए तोड़ा गया। इन मकानों को जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम ने चिह्नित कर लिया है।
बताया जा रहा है कि नगर निगम प्रशासन का लक्ष्य है कि आज शाम तक बचे हुए सभी अतिक्रमण को तोड़ दिया जाए। इसके लिए यहां पर 10 अतिरिक्त बुलडोजर लगाए गए हैं। गौरतलब है कि एनजीटी के आदेश पर यह कार्रवाई हो रही है। इस बस्ती में कुल 386 मकान हैं।
भोपाल के होटल ताज के ठीक सामने झुग्गी बस्ती भदभदा में कल से दो हजार से अधिक का पुलिस बल तैनात है। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। नेहरू नगर चौराहे से लेकर भदभदा चौराहे तक जाने वाला मार्ग बंद रखा गया है। पूछताछ के बाद ही पुलिस यहां से आवागमन करने दे रही है। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने तीनों तरफ के रास्तों को स्टॉपर लगाकर बंद कर दिया गया था। किसी को भी इस दौरान आने जाने की अनुमति नहीं थी। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान आसपास के लोग भी देखने पहुंच गए थे।
स्कूली बच्चे और बीमार परेशान
ंइस समय स्कूली बच्चों की परीक्षाएं चल रही हैं। बस्ती के अतिक्रमण रोधी कार्रवाई के दौरान हर छोर में पुलिसकर्मी मौजूद हैं। सारे रास्ते बंद कर दिए गए हैं। बच्चे किसी तरह स्कूल तो चले जाते हैं, लेकिन वापस आने में परेशानी होती है। यही हाल बीमार लोगों का है। इधर, घर टूटने के डर से भी कई लोग बीमार हो गए हैं तो कुछ ने खाना भी छोड़ दिया है।
लोगों ने घरों से हटाया सामान
सुबह से यहां पर जिन लोगों के मकान टूटने थे उनका सामान नगर निगम के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का सिलसिला जारी रहा। बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने अतिक्रमण हटाने की सहमति दी, उन्हें एक-एक लाख रुपए के चेक देकर सुरक्षित स्थान पर सामान पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
चांदपुर जाने को तैयार नहीं कई रहवासी
प्रशासन ने रहवासियों को विस्थापन के लिए तीन विकल्प दिए हैं। पहला एक-एक लाख रुपये मुआवजा। दूसरा 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता के साथ हाउसिंग फार आल के तहत मकानों का आवंटन, जबकि तीसरा विकल्प अचारपुरा के पास चांदपुर में जमीन और आर्थिक सहायता। हालांकि भदभदा बस्ती के अधिकांश लोग चांदपुर जाने को रहवासी तैयार नहीं हैं।