मुंबई, (RIN)। बिजनेस में नए एंगल को लेकर उतरने वाले गौतम अदाणी नें व्यापार जगत में एक नई पहचान बना ली है। उन्होंने व्यापार में अपना रुतवा बनाए रखने के लिए प्रतिदिन नए तरीके से व्यापार को प्रस्तुत करने की छमता है। कोयला कारोबार का साम्राज्य खड़ा करने के 20 साल बाद अरबपति गौतम अदाणी अब ग्रुप के भविष्य को और सुनहरा बनाने की तैयारी में हैं। वे जीवाश्म ईंधन यानी फॉसिल फ्यूल में भविष्य तलाश रहे हैं। केंद्र सरकार की पॉलिसी भी इनके सपने के लिए मददगार साबित हो रही है। पिछले एक साल की बात करें तो गौतम अदाणी की नेटवर्थ मुकेश अंबानी से ज्यादा तेजी से बढ़ी है। एक साल में मुकेश अंबानी की कंपनियों की नेटवर्थ 3.26 लाख करोड़ बढ़ी जबकि, अदाणी ग्रुप कंपनियों की नेटवर्थ में 3.63 लाख करोड़ का इजाफा देखा गया। अदाणी भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर किंग के रूप में उभरे हैं। वे खानों, बंदरगाहों और बिजली प्लांट से लेकर हवाई अड्डों, डेटा सेंटर और डिफेंस सेक्टर में विस्तार करने वाले हैं। भारत के आर्थिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मोदी सरकार भी इन्हीं सेक्टर्स को अहम मानती है। दो साल से भी कम समय में अदाणी ने 7 हवाई अड्डों और भारत के लगभग एक चौथाई एयर ट्रैफिक पर नियंत्रण हासिल कर लिया है। उन्होंने 2025 तक अपनी रिन्यूएबल एनर्जी की क्षमता को 8 गुना बढ़ाने की योजना बनाई है। पिछले हफ्ते उन्होंने श्रीलंका में एक बंदरगाह टर्मिनल को साथ विकसित करने के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट जीता। इस समय श्रीलंका एक ऐसा पड़ोसी है जिसे भारत इस क्षेत्र में चीन के प्रभाव को रोकने के लिए उसका मनुहार करने में लगा है। अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने भारत भर में डेटा केंद्रों को विकसित करने और संचालित करने के लिए पिछले महीने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
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