कांग्रेस में टूट का खतरा अभी नहीं टला , BJP में जाएंगे एक ‘नाथ’ पर दूसरा खतरा
भोपाल
लगातार तीन दिन से ये अटकलें तेज हैं कि कमलनाथ बीजेपी में शामिल होने की खबरें आ रही हैं. हालांकि, इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन सूत्रों की मानें तो कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के लिए छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर जगह ढूंढ रहे हैं. ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि हो सकता है कमलनाथ नहीं, केवल उनके बेटे नकुलनाथ ही बीजेपी में शामिल हों.
एक तरफ कांग्रेस के सूत्र के दावा कर रहे हैं कि कमलनाथ और बेटे नकुलनाथ की बीजेपी में जाने की संभावना बेहद कम है. वहीं, बीजेपी के सूत्रों की मानें तो कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं और आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी भी कर सकते हैं.
नकुलनाथ के साथ और नेता भी हो सकते हैं बीजेपी में शामिल
बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ और सांसद बेटे नकुलनाथ दोनों बीजेपी के संपर्क में हैं, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए केवल नकुलनाथ बीजेपी जॉइन कर सकते हैं. नकुलनाथ के साथ छिंदवाड़ा के कई अन्य नेताओं के भी बीजेपी में शामिल होने की संभावना है. माना जा रहा है कि अगले एक-दो दिन में यह तस्वीर साफ हो जाएगी.
दूसरा खतरा कायम
कमलनाथ भले ही गांधी परिवार के साथ अपने दशकों पुराने संबंध तोड़कर भाजपा में ना जाएं लेकिन छिंदवाड़ा से उनके सांसद बेटे नकुल नाथ का 'पाला-बदल प्लान' अब भी कयम है। सूत्रों की मानें तो नकुलनाथ जल्द ही भाजपा का दामन थाम सकते हैं। नकुल के साथ कांग्रेस के कई विधायक भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
भाजपा से भी ऐसे ही संकेत
मध्य प्रदेश भाजपा के कई नेताओं ने पिछले दिनों कमलनाथ को पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया। मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी कहा कि यदि वह राम की उपेक्षा को लेकर दुखी हैं तो भाजपा में शामिल हो सकते हैं। वहीं, केंद्रीय नेतृत्व की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। इस बीच दिल्ली के एक सिख नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने ट्वीट करके बताया कि कमलनाथ के लिए भाजपा के दरवाजे बंद हैं, लेकिन नकुलनाथ से कोई दिक्कत नहीं है। बताया जा रहा है कि आपातकाल और सिख विरोधी दंगों को लेकर घिर रहे कमलनाथ पर भाजपा एकमत नहीं है।
कांग्रेस ने बुलाई बैठक
कांग्रेस ने प्रदेश कार्यालय पर मंगलवार को एक बैठक बुलाई है। बैठक में सभी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया है। इसे मीटिंग को कांग्रेस की परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि बैठक में कौन पहुंचता है और कौन दूरी बनाए रखता है, इससे साफ हो जाएगा कि कौन से बड़े नेता और कितने विधायक पार्टी का साथ छोड़ने जा रहे हैं।