अशोक चव्हाण कल भाजपा से राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल करेंगे
नईदिल्ली /मुंबई
कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले अशोक चव्हाण को भारतीय जनता पार्टी राज्यसभा भेजने जा रही है. एक दिन पहले ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया था. इसके बाद मंगलवार को वह 12 बजे बीजेपी का दामन थामने जा रहे हैं. इस दौरान ही अब बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा भेजने का फैसला ले लिया है. कल चव्हाण अपना नामांकन दाखिल करेंगे.
अशोक चव्हाण ने भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच सोमवार को देश की सबसे पुरानी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को लिखे अपने पत्र चह्वाण ने कहा था कि वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहे हैं. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को विधानसभा सदस्य के तौर पर अपना इस्तीफा सौंपा था. चह्वाण ने कहा था कि उन्होंने अबतक भाजपा में शामिल होने के बारे में निर्णय नहीं किया है, लेकिन अगले ही दिन उनके बीजेपी में जाने की बात सामने आ गई.
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी कल (14 फरवरी) राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल करेंगी. सोनिया राजस्थान या हिमाचल प्रदेश से अपना नामांकन दाखिल कर सकती हैं. बता दें कि मौजूदा समय में वह उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा सांसद हैं.
बता दें कि हाल ही में बीजेपी ने आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल से अपने 14 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था. पार्टी ने उत्तर प्रदेश से सुधांशु त्रिवेदी और आरपीएन सिंह के अलावा यूपी से कुल 7 कैंडिडेट्स के नामों का ऐलान किया गया था. वहीं, हरियाणा से सुभाष बराला को पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया था.
नांदेड के आस-पास खासा प्रभाव
भोकर सीट से विधायक चह्वाण कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य थे. उन्होंने 2014 में नांदेड़ लोकसभा से जीत हासिल की थी. इस दौरान अमरावती से निर्दलीय विधायक रवि राणा ने दावा किया है कि 10 से 15 विधायक अशोक चह्वाण के संपर्क में हैं. अशोक चव्हाण का अपने गृह जिले नांदेड के और आस-पास के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में खासा प्रभाव है.
मोदी लहर के बाद भी नांदेड में जीते
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण महाराष्ट्र में कांग्रेस का ऐसा चेहरा माने जाते हैं, जो हर मुश्किल में पार्टी के साथ खड़े रहे हैं. मोदी लहर होने के बावजूद 2014 में नांदेड सीट से उन्होंने कांग्रेस को जीत भी दिलाई थी. अशोक चव्हाण मूलतः औरंगाबाद जिले की पैठण तहसील के रहने वाले हैं. लेकिन उनके पूर्वज नांदेड़ में आकर बसे और तब से वो नांदेडकर कहलाने लगे. उन्हें राजनीतिक विरासत पिता शंकरराव चव्हाण से मिली जो दो बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं.
घोटाले में नाम आने के बाद इस्तीफा
शंकरराव चव्हाण की ही बदौलत मराठवाड़ा में कांग्रेस मजबूत हुई और सत्ता विरोधी लहर होने के बावजूद कांग्रेस को कोई यहां से हिला नहीं पाया. अशोक चव्हाण 8 दिसंबर 2008 से 9 नवंबर 2010 तक डेढ़ साल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे. उनका नाम आदर्श इमारत घोटाले में आने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. यहां तक कि वो महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी बनाए गए.
यूपी से इन 7 उम्मीदवारों का नाम तय
बीजेपी ने यूपी से आरपीएन सिंह, सुधांशु त्रिवेदी, चौधरी तेजवीर सिंह, साधना सिंह, अमरपाल मौर्य, संगीता बलवंत, नवीन जैन के नाम का ऐलान किया है. जबकि पश्चिम बंगाल से सामिक भट्टाचार्य, उत्तराखंड से महेंद्र भट्ट, कर्नाटक से नारायणा कृष्णासा भांडगे और छत्तीसगढ़ से देवेंद्र प्रताप सिंह को कैंडिडेट बनाया गया है.
सपा ने भी किया प्रत्याशियों का ऐलान
बता दें कि यूपी से राज्यसभा की 10 सीटें खाली हो रही हैं. इनमें से 7 सीटों पर बीजेपी तो 3 सीटों पर समाजवादी पार्टी अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है. समाजवादी पार्टी ने जया बच्चन, रामजीलाल सुमन और आलोक रंजन को राज्यसभा में अपना प्रत्याशी बनाया है. सभी आज अपना नामांकन दाखिल करेंगे. आलोक रंजन अखिलेश यादव के सलाहकार हैं और परदे के पीछे के मुख्य रणनीतिकार माने जाते हैं, जबकि जया बच्चन का पारिवारिक रिश्ता यादव परिवार से प्रगाढ़ है. वहीं रामजीलाल सुमन के जरिए अखिलेश दलित बिरादरी को साधने की कवायद करेंगे.
सुशील मोदी और मांझी का पत्ता साफ
बीजेपी ने राज्यसभा के लिए बिहार से डॉ. धर्मशीला गुप्ता और भीम सिंह को उम्मीदवार बनाया है. भीम सिंह अति पिछड़ा समाज से आते हैं. जबकि डॉ. धर्मशीला गुप्ता वैश्य समाज से हैं. राज्यसभा के लिए जीतनराम मांझी का पत्ता साफ हो गया है. इसके साथ ही सुशील मोदी का नाम भी लिस्ट में नहीं है. एनडीए की तीन सीटों में से 2 पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. जबकि एक सीट पर जेडीयू के नेता संजय झा राज्यसभा जा सकते हैं.