विदेश

काटों वाला ताज नहीं चाहिए; बिलावल के साथ हुकूमत चलाएं इमरान

इस्लामाबाद.

पाकिस्तान में 8 फरवरी को संपन्न हुए चुनाव को एक हफ्ते से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन देश में नई सरकार को लेकर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। पाकिस्तान में राजनीतिक संकट का सूरज अभी भी नजर नहीं आ रहा है। एक ओर जहां विभिन्न राजनीतिक दल चुनाव में कथित धांधली के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर किसी भी राजनीतिक दल को सरकार बनाने के लिए साधारण बहुमत नहीं मिल पाया है। एक सप्ताह के भीतर पाकिस्तान में नई सरकार को लेकर कई समीकरण सामने आए।

कभी नवाज के राष्ट्रपति, कभी बिलावल के पीएम उम्मीदवार तो कभी शहबाज को कमान की खबरें सामने आई। उधर, इमरान खान जो पहले सरकार बनाने का दावा कर रहे थे, आईएसआई के अधिकारियों से मुलाकात के बाद अपनी बातों से पीछे हट गए हैं। अब पाकिस्तान में नया अपडेट और भी चौंकाने वाला है। नवाज शरीफ की पार्टी के एक बड़े नेता ने कहा है कि उन्हें काटों वालों ताज नहीं चाहिए। बिलावल भुट्टो और इमरान को मिलकर देश में नई सरकार बना लेनी चाहिए। पाकिस्तान चुनाव आयोग द्वारा जारी अंतिम और अनौपचारिक परिणामों के अनुसार, मुस्लिम लीग-एन ने नेशनल असेंबली में 75 सीटें जीती हैं, जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के 54 उम्मीदवार, पाकिस्तान एमक्यूएम के 17 उम्मीदवार और अन्य दलों के 25 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। इस चुनाव में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ द्वारा समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवार 93 सीटें जीतने में कामयाब रहे हैं। यानी किसी को भी साधारण बहुमत नहीं मिला है।

8 फरवरी को जब पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपने निर्वाचन क्षेत्र के मतदान केंद्र सेबाहर निकले तो उन्होंने चुनाव नतीजों के बारे में एक पत्रकार के सवाल पर कहा था''जो भी सरकार बने वह साधारण बहुमत से बने। यही बेहतर है।' लेकिन उनकी 'इच्छा' पूरी नहीं हो सकी और उन्होंने चुनाव के अगले दिन पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम, एमक्यूएम और स्वतंत्र सदस्यों को गठबंधन सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। रिपोर्ट के मुताबिक, नवाज शरीफ पीपीपी और जमीयत उलेमा को मनाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। बिलावल भुट्टो जरदारी की ओर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया था कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी नेशनल असेंबली में पीएमएल-एन के उम्मीदवार को वोट देगी लेकिन कैबिनेट का हिस्सा नहीं बनेगी। वहीं जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम ने नवाज के निमंत्रण को खारिज कर दिया और विपक्ष में बैठने का फैसला किया है।

पीटीआई भी सरकार के दावे पर पीछे हटी
दूसरी ओर, पीटीआई की ओर से तीन दिन पहले घोषणा की गई थी कि वे केंद्र और पंजाब में सरकार बनाएंगे और बाद में उन्होंने केंद्र और पंजाब में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम पर उम्मीदवार उतार दिए थे। लेकिन शनिवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता बैरिस्टर सैफ ने कौमी वतन पार्टी के नेताओं से मुलाकात के बाद ऐलान किया कि पीटीआई ने फेडरेशन और पंजाब में विपक्ष में बैठने का फैसला किया है। खबर यह भी है कि इमरान खान की आईएसआई से जेल में मीटिंग हुई थी, जिसके बाद इमरान सरकार बनाने के दावे से पीछे हट गए हैं।

नवाज की पार्टी ने अब इमरान-बिलावल को दिया न्योता
अब पाकिस्तान में नई सरकार को लेकर नया नाटक सामने आया है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के वरिष्ठ नेता ख्वाजा साद रफीक ने कहा कि 'मुस्लिम लीग-एन को कांटों का यह ताज अपने सिर पर सजाने की कोई इच्छा नहीं है।' सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि संघीय सरकार का गठन मुस्लिम लीग-एन की नहीं बल्कि संसद में सभी पार्टियों की जिम्मेदारी है। मौजूदा नेशनल असेंबली में किसी के पास बहुमत नहीं है। पीटीआई द्वारा समर्थित स्वतंत्र सदस्यों को पहल करनी चाहिए, पीपुल्स पार्टी के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनानी चाहिए, हम उन्हें बधाई देंगे।

हालांकि, पीएमएल-एन प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने उनके बयान को निजी राय बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि उनकी पार्टी संघीय सरकार बनाने के लिए अनिच्छुक है। शनिवार को लाहौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मरियम औरंगजेब ने कहा कि मुस्लिम लीग-एन राजनीतिक दलों और उसके सहयोगियों के साथ बातचीत कर रही है।

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