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ब्रेन फॉग के कारण और होम ट्रीटमेंट की विधियाँ: जानें इस समस्या से निजात पाने के तरीके

 अगर आप किसी चीज को ज्यादा देर तक याद नहीं रख पाते तो यह दिमागी कमजोरी की निशानी है। पुराने समय से दिमाग तेज करने के लिए बादाम खाने की बात कही जाती है। यह विटामिन ई, प्रोटीन और ओमेगा फैटी एसिड का स्त्रोत होता है जो याददाश्त को तेज करता है। मगर हर मामले में इससे मेमोरी नहीं बढ़ाई जा सकती।

ब्रेन फॉग का मतलब क्या है? कई बार दिमाग धीमा चलने के पीछे दूसरे कारण हो सकते हैं, जैसे कि ब्रेन फॉग। यह एक प्रकार का कॉग्निटिव डिसफंक्शन होता है जिसमें याददाश्त खोने के साथ कई सारे लक्षण दिखने लगते हैं। आइए दिमाग की इस बीमारी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानते हैं।

ब्रेन फॉग के लक्षण

याददाश्त से जुड़ी दिक्कत
सही तरीके से सोच न पाना
कंसन्ट्रेशन की कमी
फोकस न कर पाना
दिमागी थकावट

तनाव है जिम्मेदार

तनाव एक मेंटल प्रॉब्लम है जो दिमागी बीमारी से लेकर शारीरिक बीमारी का कारण बनता है। इसके मरीजों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और डायबिटीज के अलावा ब्रेन फॉग की संभावना देखी जाती है। एक शोध (ref.) कहता है कि स्ट्रेस से बीपी बढ़ता है, इम्यून सिस्टम कमजोर होता है जिससे डिप्रेशन या दिमागी थकान का एहसास हो सकता है। यह ब्रेन फॉग के लक्षणों के लिए जिम्मेदार माना गया है।

नींद की कमी और हॉर्मोन बदलाव

पर्याप्त नींद ना लेने से दिमाग का काम धीमा हो जाता है। इसकी वजह से विचार धुंधले पड़ जाते हैं और एकाग्रता कम हो जाती है। वहीं, प्रेगनेंसी में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन की बढ़ोतरी ब्रेन फॉग के लक्षण ट्रिगर कर सकती है।

दवाएं और मेडिकल कंडीशन

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि नींद और दर्द की कुछ दवाएं दिमाग के कामकाज में बाधा डाल सकती हैं। अगर आपको किसी दवा लेने के बाद से इन लक्षणों से परेशान होना पड़ रहा है तो एक बार डॉक्टर से जरूर मिलें। वहीं, इंफ्लामेशन, थकान, हाई शुगर, क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम के मरीजों में ब्रेन फॉग एक लक्षण की तरह उभरता है।

विटामिन बी12 की कमी

डाइट भी ब्रेन फॉग की वजह बन सकती है। जो लोग विटामिन बी12 से भरपूर खाना नहीं खाते उनका दिमाग बीमार पड़ जाता है। यह ब्रेन के फंक्शन के लिए बहुत आवश्यक है। अंडे, दूध, सैल्मन मछली, जानवरों की कलेजी में यह विटामिन होता है। वहीं मूंगफली, अस्पार्टमे और डेयरी प्रॉडक्ट्स की एलर्जी भी यह परेशानी कर सकती है।

इन घरेलू तरीकों से हो सकता है बचाव

हर रात 8-9 घंटे की नींद लें
स्ट्रेस को मैनेज रखें
अत्यधिक कैफीन या एल्कोहॉल ना लें
रोजाना एक्सरसाइज करें और यह सोने के आसपास नहीं होनी चाहिए
ब्रेन गेम्स खेलें
प्रोटीन, फैटी एसिड, फल, सब्जी, हेल्दी फैट्स लें

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