उत्तर प्रदेश

यूपी बीजेपी का बड़ा दांव: नए अध्यक्ष के सहारे 2024 की भरपाई, अखिलेश यादव की रणनीति पर सीधा वार

लखनऊ  
दो साल के इंतजार के बाद उत्तर प्रदेश को जल्द ही नया बीजेपी अध्यक्ष मिलने वाला है। शनिवार यानी आज चुनाव का ऐलान और नामांकन की प्रक्रिया हो सकती है। वहीं रविवार को नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा की संभावना है। इस बीच बड़े नेताओं के लखनऊ पहुंचने का सिलसिला शूरू हो गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बड़े कार्यक्रम और धूमधाम के साथ नए अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है। हालांकि यूपी बीजेपी की कमान किसे मिलने वाली है इसपर सस्पेंस अभी खत्म नहीं हुआ है। जमीनी रिपोर्ट्स की मानें तो बीजेपी इस बार सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों को साधते हुए ऐसे नेता को पार्टी की कमान दे सकती है जो कि अखिलेश यादव के पीडीए फार्मुले का तोड़ बन जाए। ऐसे में संभावना किसी ओबीसी नेता को यह बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

सूत्रों की मानें तो ओबीसी और ब्राह्मण समुदाय के नेता इस रेस में हैं। बताया जा रहा है कि ओबीसी समाज से आने वाले केंद्यीर राज्य मंत्री पंकज चौधरी के नामांकन का पूरा प्लान है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री धर्मपाल लोधी और बीएल वर्मा के नाम पर भी चर्चा की गई है। कयास बहुत लगाए जाते हैं पर बीजेपी ऐसी पार्टी है जो कि हर फैसले में लोगों को चौंका देती है। ऐसे में यूपी में बीजेपी की दशा और दिशा तय करने की अहम जिम्मेदारी किसे दी जाएगी इसपर स्पष्टता से कुछ नहीं कहा जा सकता।

बीजेपी निकालेगी एसपी के पीडीए की काट?
2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने कुर्मी चेहरों को ज्यादा तवज्जो दी थी। इस वजह से बीजेपी को कुर्मी वोटों को नुकसान उठाना पड़ा था। 2022 तक यह वोट बीजेपी के ही साथ था। बीजेपी चाहती है कि यह वोटबैंक फिर से पार्टी के साथ आ जाए। पूर्वांचल के करीब 20 जिलों में कुर्मी वोटों को खूब दबदबा है। इनकी आबादी करीब 9 फीसदी बताई जाती है। यादवों के बाद सबसे ज्यादा कुर्मियों की आबादी है। इसके अलावा बीजेपी अपना दल के दबाव को भी कम करना चाहती है।

बीजेपी चाहती है कि वह संदेश दे कि वह सभी वर्गों का खयाल रखती है। इस रेस में धर्मपाल लोधी का नाम भी आगे है। कल्याण सिंह के बाद उत्तर प्रदेश में लोधी समाज से कोई बड़ा चेहरा आगे नहीं आया। जबकि यह समाज बीजेपी के साथ ही खड़ा है। पश्चिम और मध्य यूपी में लोधी समाज का अच्छा दखल है। ऐसे में इसमें भी अश्चर्य नहीं होगा कि बीजेपी को लोध समाज से नया अध्यक्ष मिल जाए।

बात निषाद समाज की हो तो बीजेपी की पकड़ इस समाज पर कमजोर है। इस वजह से बीजेपी को गठबंधन का सहारा लेना पड़ता है। इसमें आश्चर्च नहीं होगा अगर बीजेपी इस समाज से अपना अध्यक्ष चुनती है। बिहार चुनाव में निरंजन ज्योति को बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं ब्राह्मण चेहरे की बात करें तो पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी और यूपी बीजेपी महामंत्री गोविंद शुक्ला को संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है। हालांकि इसमें कोई शक नहीं है कि 2027 के चुनाव को ध्यान में रखकर ही यूपी बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button