कोरोना काल में स्टार्ट-अप को फलने-फूलने का मिला मौका
खेती-किसानी में तकनीक के इस्तेमाल वाली कंपनियों नें भी लाभ कमाया
नई दिल्ली, (RIN)। मुश्किलें आपको कई मौके भी देती हैं। लॉकडाउन और कोरोना के मुश्किल भरे वक्त में नए कारोबार यानी स्टार्ट-अप को फलने-फूलने का मौका मिला। पिछले एक साल में हेल्थकेयर सेक्टर, स्मॉल एंड मीडियम साइज बिजनेस और एग्रीटेक जैसे सेक्टर में बड़ी संख्या में स्टार्टअप आए।
ऑनलाइन पढ़ाई, फूड सप्लाई और वेस्ट मैनेजमेंट का काम करने वाले स्टार्टअप पिछले साल खूब चले। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और डीप लर्निंग स्पेस में काम करने वाले स्टार्टअप के लिए पिछला साल शानदार रहा। दूसरी तरफ टूर एंड टूरिज्म जैसे फिजिकल कॉन्टैक्ट वाले सेक्टर के स्टार्टअप्स को बड़ा नुकसान हुआ। नीति आयोग के सपोर्ट वाले इनक्यूबेशन सेंटर फाउंडेशन के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर रोनाल्ड फर्नांडीज के मुताबिक, पिछले एक साल में बंद होने वाले स्टार्टअप की संख्या मामूली रही है। असल में ज्यादातर स्टार्टअप ने कोविड-19 के चलते बने हालात में सर्वाइव करने के लिए अपना कारोबार बदल लिया।
उनके मुताबिक, सरकार की तरफ से स्टार्टअप्स को जीएसटी से लेकर इनकम टैक्स तक में छूट के तौर पर मदद मिल रही है। जहां तक दिक्कत की बात है तो टूर एंड टूरिज्म सेक्टर के स्टार्टअप को कोविड-19 के चलते लागू हुए लॉकडाउन के कारण नुकसान उठाना पड़ा।