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भारत और यूएई के बीच अंतर-सरकारी रूपरेख समझौते समेत आठ करार हुए

नई दिल्ली/अबू धाबी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने  संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ व्यापक बातचीत की जिसमें उन्होंने रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की, सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा की। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश संधि समेत आठ समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इससे पहले मोहम्मद बिन जायद ने हवाई अड्डे पर मोदी की अगवानी की जहां उन्होंने एक दूसरे को गले लगाकर अभिनंदन किया। बाद में मोदी ने सलामी गारद का निरीक्षण किया।

दोनों देशों के बीच 8 करार
दोनों नेताओं की उपस्थिति में द्विपक्षीय निवेश संधि, इलेक्ट्रिकल इंटरकनेक्शन और व्यापार के क्षेत्र में सहयोग पर सहमति-पत्र और भारत-पश्चिम एशिया आर्थिक कॉरिडोर पर भारत और यूएई के बीच अंतर-सरकारी रूपरेख समझौते समेत आठ करार हुए। प्रधानमंत्री ने यूएई के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक में अपने उद्घाटन वक्तव्य में कहा कि मेरा और मेरे दल का भव्य स्वागत करने के लिए मैं आपका आभारी हूं। जैसा कि आपने कहा कि मैं जब भी यहां आया हूं, मैंने हमेशा महसूस किया है कि मैं अपने घर और परिवार में आया हूं। उन्होंने कहा कि हम पिछले सात महीने में पांच बार मिले हैं। आज भारत और यूएई के बीच हर क्षेत्र में परस्पर साझेदारी है।

पीएम मोदी ने जताया आभार
मोदी ने 'एक्स' पर लिखा, ''अबू धाबी हवाई अड्डे पर मेरे स्वागत के लिए समय निकालने के लिए मेरे भाई मोहम्मद बिन जायद के प्रति अत्यंत आभारी हूं। प्रधानमंत्री के यहां पहुंचने पर दोनों नेताओं ने परस्पर आमने-सामने और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। उन्होंने द्विपक्षीय साझेदारी की समीक्षा की और सहयोग के नये क्षेत्रों पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उन्होंने व्यापार और निवेश, डिजिटल बुनियादी ढांचे, फिनटेक, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, संस्कृति और लोगों से लोगों के संबंधों सहित सभी क्षेत्रों में व्यापक रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने का स्वागत किया। चर्चा में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे भी शामिल रहे।

दोनों देशों के समझौते पर क्या असर?
बयान में कहा गया कि द्विपक्षीय निवेश संधि दोनों देशों में निवेश को और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। बयान में कहा गया है कि भारत ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ द्विपक्षीय निवेश संधि और व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते दोनों पर हस्ताक्षर किए हैं। अन्य समझौतों में डिजिटल अवसंरचना परियोजनाओं में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन, दोनों देशों के राष्ट्रीय अभिलेखागार के बीच एक सहयोग प्रोटोकॉल, विरासत और संग्रहालयों के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन, तत्काल भुगतान प्लेटफार्म – यूपीआई (भारत) और एएएनआई (यूएई) की इंटरलिंकिंग पर एक समझौता शामिल है। इनमें घरेलू डेबिट/क्रेडिट कार्ड -रूपे (भारत) और जेएवाईडब्ल्यूएएन (यूएई) को इंटर-लिंक करने पर एक समझौता शामिल है।

ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा
प्रधानमंत्री ने यूएई के घरेलू कार्ड जेएवाईडब्ल्यूएएन के जारी होने पर शेख मोहम्मद बिन जायद को बधाई दी। दोनों नेताओं की उपस्थिति में इस कार्ड का इस्तेमाल करते हुए लेनदेन भी किया गया। दोनों नेताओं ने ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने पर भी चर्चा की। उन्होंने सराहना की कि संयुक्त अरब अमीरात कच्चे तेल और एलपीजी के सबसे बड़े स्रोतों में से एक होने के अलावा, भारत अब एलएनजी (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) के लिए दीर्घकालिक अनुबंध में प्रवेश कर रहा है। मोदी ने अपने उद्घाटन वक्तव्य में कहा कि यूएई और भारत सहयोग के हर क्षेत्र में एक दूसरे के साथ साझेदारी कर रहे हैं।

मोदी अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) मंदिर का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने कहा, ''यूएई में बीएपीएस मंदिर भारत के लिए आपके स्नेह का उदाहरण है।'' दोनों पक्षों ने कहा कि बीएपीएस मंदिर यूएई और भारत की मित्रता, गहराई से जुड़े सांस्कृतिक बंधन का उत्सव है। मोदी ने कहा कि अबू धाबी में बीएपीएस मंदिर का निर्माण यूएई के नेतृत्व के सहयोग के बिना संभव नहीं होता। उन्होंने जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में शामिल होने के लिए भी यूएई के राष्ट्रपति को धन्यवाद अदा किया। मोदी ने भारतवंशी समुदाय के बड़े आयोजन के लिए भी राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा किया।

विदेश मंत्रालय ने 'एक्स' पर लिखा कि यह प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात की तीसरी यात्रा है और पिछले आठ महीने में दोनों नेताओं की पांचवीं मुलाकात है जो द्विपक्षीय साझेदारी की गहराई को झलकाती है। उसने कहा, ''मरहबा यूएई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अबू धाबी की धरती पर कदम रखा। यूएई के राष्ट्रपति ने हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से स्वागत किया।

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