स्वस्थ-जगत

आंतों की सफाई: खाली पेट पिएं घी-पुदीने की चाय के लाभ

घी-पुदीने के चाय के फायदे

कब्ज, पेट फूलना, अपच, पेट दर्द, गैस बदहजमी और एसिडिटी जैसी पाचन संबंधी समस्याएं आम हैं जिनसे कोई न कोई परेशान रहता है। इन विकारों के लिए हर बार दवाओं का सेवन ठीक नहीं है। इसके लिए आप घी और पुदीने की चाय को घरेलू नुस्खे के रूप में ट्राई कर सकते हैं।

पेट के लिए फायदेमंद है घी

आयुर्वेद में घी को फायदेमंद माना गया है। सभीजरूरी फैटी एसिड और प्रचुर मात्रा में विटामिन ए, डी, ई और के का पावरहाउस है। यह पाचन को बेहतर बनाकर कब्ज जैसी पाचन समस्या से राहत दिलाता है।

पेट के लिए पुदीने के फायदे

पुदीने को भी आयुर्वेद में एक शक्तिशाली जड़ी बूटी माना गया है। स्वाद में जबरदस्त यह जड़ी बूटी न केवल पेट की समस्याओं को ठीक करती है बल्कि शरीर में जमा गंदे पदार्थों को बाहर निकालने का भी काम करती है।

पेट रहता है दुरुस्त

घी-पुदीने की चाय पीने से पाचन बेहतर बनता है। इससे पाचन अच्छी तरह काम करती है जिससे भोजन के लिए आंतों तक पहुंचना आसान हो जाता है। इससे कब्ज से राहत मिलती है।

पाचन तंत्र रहता है शांत 

घी-पुदीने की चाय आपके पाचन तंत्र में सूजन को शांत और कम करती है और यही वजह है कि यह कब्ज के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना

घी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता करता है, वहीं पुदीना अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण खतरनाक फ्री रेडिकल्स को कम करता है।

पोषक तत्वों का एक पावरहाउस

घी जरूरी फैटी एसिड और विटामिन का खजाना है जो स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए जरूरी हैं। पुदीना भी विटामिन सी और आयरन का बढ़िया स्रोत है।

ऐसे बनाएं घी-पुदीने की चाय

एक पैन में एक चम्मच घी डालकर गर्म होने दें। एक मुट्ठी ताज़ी पुदीने की पत्तियाँ घी में डालें और अच्छी तरह भून लें। पानी डालें और तेज़ उबाल आने दें। लगभग 5-10 मिनट तक जलसेक को उबलने दें और स्वाद को सोख लें। अपने काढ़े को छान लें और गरमागरम परोसें।

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