उत्तर प्रदेश

वाराणसी-ज्ञानवापी मामले में एक और याचिका दायर, फिर होगा ASI सर्वे!

वाराणसी

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में बिना जांचे गए क्षेत्रों के एएसआई सर्वेक्षण (ASI Survey) के लिए नई याचिका दायर की गई है. सिविल जज (सीनियर डिवीजन) प्रशांत कुमार सिंह की वाराणसी फास्ट ट्रैक अदालत के समक्ष बुधवार को फ्रेश याचिका दायर की गई है, जिसमें ज्ञानवापी परिसर के भीतर उन क्षेत्रों के ASI सर्वेक्षण की मांग की गई जिनका आज तक सर्वेक्षण नहीं किया गया है.

याचिका प्रस्तुत करने के बाद मूल केस संख्या 610/1991 (स्वयंभू लॉर्ड विश्वेश्वर बनाम अंजुमन इंतजामिया मसाजिद) में वादी अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि पिछली जांच में प्लॉट 9130 सहित परिसर के अधिकांश हिस्सों को शामिल किया गया था. ज्ञानवापी में मस्जिद का इतिहास अज्ञात है.

अदालत ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद को 12 फरवरी को अगली सुनवाई तक रस्तोगी की याचिका के खिलाफ आपत्तियां दर्ज करने का निर्देश दिया है. रस्तोगी ने तर्क दिया कि पिछले साल ASI के सर्वेक्षण के दौरान जमीन भेदने वाला रडार निर्णायक परिणाम देने में विफल रहा.

याचिका में यह मांग की गई है कि एडवोकेट कमीशन के दौरान वजूखाने में मीले पत्थरनुमा आकृति की जांच ASI करें, ताकि पता चल सके वह शिवलिंग है या फव्वारा.

व्यासजी के तहखाना मामले में सुनवाई आज

वहीं, ज्ञानवापी के व्यासजी के तहखाना मामले में आज सुनवाई होनी है. ज्ञानवापी से जुड़े शैलेंद्र पाठक व्यास की तरफ से दाखिल वाद में गुरुवार  को प्रभारी जिला जज की अदालत में सुनवाई होगी. यह वाद सुनवाई योग्य है या नहीं इसको लेकर अंजुमन इंतजामिया ने आपत्ति जताई थी.

इस मुद्दे पर शैलेंद्र पाठक की ओर से पक्ष रखा जाना है. जबकि, अंजुमन इंतजामिया का कहना है यह वाद विशेष पूजा स्थल अधिनियम से बाधित है ऐसे में यह सुनवाई होने योग्य नहीं है. हाल ही में इसी वाद में जिला जज ने व्यास जी के तहखाने को डीएम को सुपुर्द किए जाने के साथ तहखाने में पूजा पाठ का अधिकार दिया है.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button