उत्तर प्रदेश

जयंत चौधरी के भाजपा के साथ जाने की अटकलों को शिवपाल ने फैलाया गया भ्रम करार दिया

लखनऊ
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) नेता जयंत चौधरी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ जाने की अटकलों के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को इसे भाजपा की ओर से फैलाया गया भ्रम करार दिया और कहा कि चौधरी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस' (इंडिया) का हिस्सा बने रहेंगे। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी पार्टी महासचिव के समान ही विचार व्यक्त किए। अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जयंत चौधरी उत्तर प्रदेश की 'खुशहाली' के लिए चल रहे संघर्ष को कमजोर नहीं करेंगे।

शिवपाल यादव ने रालोद के राजग में शामिल होने को लेकर लगायी जा रही अटकलों के बारे में पूछे जाने पर यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ भारतीय जनता पार्टी भ्रम फैला रही है। जयंत चौधरी कहीं नहीं जा रहे हैं। वह मजबूती के साथ ‘इंडिया' गठबंधन में रहेंगे और भारतीय जनता पार्टी को हराने का काम करेंगे।'' उन्होंने कहा, ''हम जयंत को जानते हैं। वह धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हैं। वह ‘इंडिया' गठबंधन के साथ चुनाव लड़ेंगे और भाजपा को हराएंगे।'' सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विधान भवन में इस बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ''वह (जयंत) बहुत सुलझे हुए और बहुत शिक्षित व्यक्ति हैं। वह राजनीति को समझते हैं। मुझे उम्मीद है कि वह किसानों के कल्याण और समृद्धि के लिये जारी संघर्ष को कमजोर नहीं होने देंगे।'' ऐसी अटकलें हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में सपा के साथ सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बनने पर रालोद भाजपा की अगुवाई वाले राजग में शामिल हो सकता है। हालांकि रालोद नेता ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है। सपा और रालोद ने इसी साल 19 जनवरी को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा की थी। गठबंधन के तहत रालोद को सात सीटें दी गयी थी।

यादव ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा था, "रालोद और सपा के गठबंधन पर सभी को बधाई। आइए हम सभी जीत के लिए एकजुट हों।" इस पोस्ट को पुन: पोस्ट करते हुए चौधरी ने कहा था, ‘‘राष्ट्रीय और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए हमेशा तैयार हूं। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे गठबंधन के सभी कार्यकर्ता हमारे क्षेत्र के विकास और समृद्धि के लिए मिलकर आगे बढ़ेंगे।'' उन्होंने दोनों नेताओं की हाथ मिलाते हुए तस्वीरें भी साझा की थीं। जाट मतदाता परम्परागत रूप से रालोद का मुख्य वोट बैंक रहे हैं। जाट बहुल लोकसभा क्षेत्रों में मुजफ्फरनगर, कैराना, बिजनौर, मथुरा, बागपत, अमरोहा और मेरठ शामिल हैं, जिन पर रालोद के चुनाव लड़ने की संभावना है। दोनों दलों ने वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव भी साथ मिलकर लड़ा था।तब सपा ने 111 सीटें जीती थीं, जबकि रालोद को आठ सीटें मिली थीं।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी रालोद सपा और बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल था। उस समय रालोद को गठबंधन के तहत मथुरा, बागपत और मुजफ्फर नगर की सीटें मिली थीं, लेकिन तीनों पर ही उसे पराजय का सामना करना पड़ा था। ऐसे में रालोद के पास चौधरी को राज्यसभा भेजने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं था, लेकिन सपा ने उन्हें उच्च सदन में भेजने में उनकी मदद की थी।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button