नेहरू जी ने लिखा था कि मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता, जमकर बरसे : पीएम मोदी
नई दिल्ली
पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में भाषण देते हुए आरक्षण का जिक्र किया और कहा कि पंडित नेहरू इसके खिलाफ थे। उन्होंने देश के मुख्यमंत्रियों को लिखे एक पत्र में कहा था कि मैं इसके खिलाफ हूं और नौकरियों में तो यह बिलकुल नहीं होना चाहिए। पीएम मोदी ने नेहरू के उस पत्र का अनुवाद पढ़ते हुए कहा, 'नेहरू जी ने लिखा था कि मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता। नौकरियों में आरक्षण तो कतई पसंद नहीं करता। मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं, जो अकुशलता को बढ़ावा दे। इसलिए मैं कहता हूं कि कांग्रेस जन्मजात ही आरक्षण के विरोध में रही है।'
उन्होंने कहा, 'नेहरू जी कहते थे कि अगर एससी, एसटी और ओबीसी को नौकरियों में आरक्षण मिला तो सरकारी काम का स्तर गिर जाएगा। आज जो आंकड़े गिनाते हैं न कि इतने यहां हैं और उतने वहां हैं, उसके मूल में वही हैं। यदि उस समय सरकार में भर्ती हुई होती और वे प्रमोशन करते-करते आगे बढ़ते तो वे यहां होते। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के एससी, एसटी और ओबीसी को 7 दशकों तक उनके अधिकारों से वंचित रखा। अब जब यह आर्टिकल हटा है तो हमने इसे लेकर प्रावधान बनाए हैं और अब दलितों एवं ओबीसी वर्ग के लोगों को अधिकार मिले हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान राष्ट्रपति चुनाव का भी जिक्र किया और कहा कि कांग्रेस द्रौपदी मुर्मू जी के खिलाफ थी। इससे उसका आदिवासियों को लेकर रवैया दिख गया। उस चुनाव में कांग्रेस वैचारिक आधार पर हमारे खिलाफ होती तो भी समझ आता, लेकिन उन्होंने तो हमारे यहां से ही गए एक शख्स को अपना कैंडिडेट बनाया था। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार के 10 सालों में एससी-एसटी वर्ग के लिए स्कॉलरशिप बढ़ी है। इसके अलावा उच्च शिक्षा में इन वर्गों के छात्रों का नामांकन भी बढ़ा है। एससी वर्ग के छात्रों का नामांकन 44 फीसदी बढ़ा है, जबकि एसटी छात्रों का 65 फीसदी तक बढ़ा है। पीएम मोदी ने कहा कि ओबीसी वर्ग के छात्रों का नामांकन भी 45 पर्सेंट तक बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि यदि आप लोगों के पास डेटा की कमी है तो हमसे मांग लीजिए। लेकिन ऐसे नैरेटिव न बनाएं, जिससे आपकी ही छवि खराब हो। उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास सिर्फ नारा नहीं है बल्कि मोदी की गारंटी है। पीएम मोदी ने इस दौरान किसी के द्वारा भेजी एक कविता भी पढ़ी। इसमें लिखा था- मोदी की गारंटी का दौर, देश विकास की ओर। आउट ऑफ गारंटी चल रहीं दुकानें, अब ढूंढें अपनी ठौर।