मध्यप्रदेश

बैंक लोन घोटाले में पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार को राहत, हाई कोर्ट ने सजा पर रोक लगाई

 महू

 महू से कांग्रेस के कई बार विधायक रहे अंतर सिंग दरबार मुश्किलों में घिर गए हैं।  इंदौर प्रीमियम कोऑपरेटिव बैंक में ग्रह लोन घोटाले के मामले में जिला न्यायलय ने अंतर सिंग दरबार सहित 10 आरोपियों को अलग –अलग  सजा सुनाई है। दरबार को 120 बी के अपराध में एक साल का कठोर कारवास की सजा सुनवाई है दरबार पर 3 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है जिसे नहीं भरने पर सजा तीन महीने के लिए बढ़ा दी जाएगी।

 मिली जानकारी के अनुसार अंतर सिंह दरबार पर इंदौर प्रीमियर कोऑपरेटिव बैंक में होम लोन घोटाला करने का आरोप था, जिसकी जांच के बाद सभी आरोपियों को दोषी करार दिया गया। बताया जा रहा है कि लोन घोटाले का मामला साल 2000 का है। यानि अंतरसिंह दरबार सहित सभी अन्य आरोपियों को 23 साल बाद सजा सुनाई गई है।

एमपी एमएलए कोर्ट ने इंदौर प्रीमियर बैंक कोऑपरेटिव में हुए घोटाले के आरोप में कांग्रेस से निष्कासित पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार सहित 10 लोगों को एक-एक साल की सजा और अर्थदंड से दंडित किया है।   

क्या है पूरा मामला

 इंदौर प्रीमियर कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष रहते हुए रामेश्वर पटेल ने अपने परिवार के ओम प्रकाश जगदीश, निर्मला बाई नकटी देवी को नियमों के विपरीत लोन दिया था। इसमें पूर्व विधायक अंतर सिंह  दरबार, देवराज सिंह परिहार, अहिल्याबाई बासित अली और कर्मचारी गुलाम खान और देवीलाल शामिल थे। एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मुकेश नाथ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आरोपियों को एक-एक वर्ष के कारावास और जमाने से दंडित किया है।

 गौरतलब है कि अंतरसिंह दरबार विधानसभा चुनाव 2023 में महू सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे, उन्हें पूर्व मंत्री उषा ठाकुर से हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने अंतरसिंह दरबार की टिकट काट दी थी, जिसके बाद वो निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतरे थे। 

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