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मणिशंकर अय्यर की बेटी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज

नई दिल्ली.

अयोध्या में 22 जनवरी को जब राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, तब कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी सुरन्या अय्यर ने विरोध में तीन दिनों का उपवास रखा था। इतना ही नहीं, उन्होंने सोशल मीडिया में राम मंदिर को लेकर विवादित पोस्ट भी किए थे। अब इसके लिए पुलिस ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है। इससे पहले जिस अपार्टमेंट में वह रहती हैं वहां के आरडब्ल्यूए ने भी उन्हें नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्हें माफी नहीं मांगने पर सोसाइटी छोड़ने के लिए कहा था।

समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के वकील और बीजेपी नेता अजय अग्रवाल ने शनिवार को दिल्ली के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। अग्रवाल ने आरोप लगाया कि सुरन्या अय्यर ने राम लला के प्रतिष्ठा समारोह के खिलाफ विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा, “सूरन्या अय्यर ने 20 जनवरी और अन्य तारीखों को फेसबुक, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर एक गंभीर आपत्तिजनक बयान पोस्ट किया है। कृपया इस पूरे क्लिप को देखें और 36 मिनट के वीडियो को देखने के बाद धारा 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए) और आईपीसी की अन्य धाराओं और अन्य कृत्यों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज करें।” 19 जनवरी को सुरन्या अय्यर ने फेसबुक पर लिखा था कि वह भारत के मुसलमानों के समर्थन में और अयोध्या में हिंदू धर्म और राष्ट्रवाद के नाम पर जो कुछ भी किया जा रहा है उसके खिलाफ 22 जनवरी से तीन दिनों का उपवास रखेंगी। सुरन्या की पोस्ट से विवाद खड़ा हो गया। दिल्ली के जंगपुरा के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर और उनकी बेटी को शांति और सद्भाव में खलल डालने के लिए कॉलोनी से बाहर जाने के लिए एक पत्र लिखा था। पत्र में कहा था, "यदि आप अभी भी सोचते हैं कि आपने अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिष्ठा के विरोध में क्या किया है तो हम आपको सुझाव देंगे कि कृपया किसी अन्य कॉलोनी में चले जाएं। आप वहां जाएं जहां के लोग और और वहां का आरडब्ल्यूए इस तरह की नफरत पर आंखें मूंद सकता है।"

इसके जवाब में सुरन्या अय्यर ने एक फेसबुक वीडियो में कहा कि जिस आरडब्ल्यूए की बात हो रही है वह उस कॉलोनी से जुड़ी नहीं है। उनके पिता मणिशंकर अय्यर ने भी राम मंदिर उद्घाटन के खिलाफ बोलते हुए कहा था कि प्रतिष्ठा समारोह में चार शंकराचार्यों की अनुपस्थिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए महंगी साबित होगी। आरडब्ल्यूए ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता से अपनी बेटी के बयानों की निंदा करने के लिए कहा था।

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