खेल-जगत

विशाखापत्तनम का तापमान हैदराबाद की तुलना में अधिक गर्म होगा, पिच पर घास की हल्की सी परत रहेगी

विशाखापत्तनम

 2021 में जब इंग्लैंड 1-0 से आगे हो गया था तब भारतीय टीम ने रैंक टर्नर का सहारा लिया था। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भारतीय टीम इस बार कैसा पिच बनावाएगी। विशाखापत्तनम में शुक्रवार (2 फरवरी) से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट की पिच की बात करें तो हैदराबाद की तरह यहां की भी पिच स्लो टर्नर होगी। पहले टेस्ट की पिच पहले दिन से ही टर्न हो रही थी दूसरे टेस्ट शायद ही ऐसा हो।

समुद्र के किनारे होने के कारण विशाखापत्तनम का तापमान हैदराबाद की तुलना में अधिक गर्म होगा। पिच अधिकांश समय कवर के नीचे रही। फिर इसे पानी दिया गया और भारी रोलर का इस्तेमाल किया गए। घास की हल्की सी परत है, लेकिन भूरे रंग की दिखने वाली पिच पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। देश के अधिकांश हिस्सों की तरह यह भी काली मिट्टी की पिच है।

शार्प टर्न नहीं देखने को मिलेगा

टेस्ट से दो दिन पहले इसे पानी देने का मतलब है कि यह ज्यादा नहीं उखड़ेगा और शार्प टर्न नहीं देखने को मिलेगा। भारतीय टीम के पहले अभ्यास सत्र के लिए यहां पहुंचने के तुरंत बाद 22 गज की पट्टी पर नजर डालने वाले बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ ने कहा, “भविष्यवाणी करना कठिन है। टर्न देखने को मिलेगा, हो सकता है कि पहले दिन से न हो, लेकिन बाद में यह टर्न लेगा।”

पिछली बार टर्निंग पिच का विकल्प चुना था

2021 में पहला टेस्ट फ्लैट पिच पर हुआ था। यह मैच पांच दिनों तक चला और भारत को चेन्नई में हार मिली। इसके बाद विराट कोहली की अगुआई वाली टीम ने अगले तीन टेस्ट तीन दिनों के भीतर खत्म किया। इसके लिए उसने टर्निंग पिच का विकल्प चुना। अहमदाबाद में तीसरा टेस्ट दो दिनों को तक चला। इस बार भारत ने पारंपरिक भारतीय ट्रैक के साथ बने रहने का फैसला किया है, जो कुछ समय स्लो टर्न लेती है।

विशाखापत्तनम ने दो टेस्ट मैचों की मेजबानी की है। उनमें बल्ले और गेंद के बीच अच्छी प्रतिस्पर्धा हुई है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पिछला टेस्ट पूरे पांच दिनों तक चला। सख्त आउटफील्ड और पिच के ऊपर-नीचे होने के कारण तेज गेंदबाज भी खेल में बने रहे। आखिरी दिन स्पिनर्स से ज्यादा मोहम्मद शमी की रिवर्स स्विंग दक्षिण अफ्रीका के लिए ज्यादा नुकसानदायक साबित हुई। इसलिए सिर्फ एक तेज गेंदबाज को खिलाना जोखिम भरा हो सकता है।

रैंक टर्नर पिच न होने का कारण बल्लेबाजी

रविंचद्रन अश्विन, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव जैसे बेहतरीन स्पिनर रैंक टर्नर पर इंग्लैंड को परेशान कर सकते हैं। इसके बाद भारत ने इस तरह की पिच को चुनने का कारण काफी हद तक अनुभवहीन बल्लेबाजी लाइन-अप है। टॉप ऑर्डर में रोहित शर्मा के बाद सबसे ज्यादा टेस्ट रन बनाने वाले खिलाड़ी अश्विन हैं, जिन्होंने हैदराबाद में 8वें नंबर पर बल्लेबाजी की थी। यशस्वी जयसवाल, शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर ने कुल मिलाकर 39 टेस्ट में 2,229 रन बनाए हैं। टर्निंग पिचों पर वे बहुत सहज नहीं दिखे, जो चिंता का कारण है।

पाटीदार लेंगे राहुल की जगह

भारतीय टीम पहले से ही विराट कोहली के बिना है। अब केएल राहुल और रविंद्र जडेजा की अनुपस्थिति के भारत को कम से कम दो मजबूरन बदलाव करने होंगे। घरेलू क्रिकेट में 45.97 की औसत वाले रजत पाटीदार को पिछले हफ्ते इंग्लैंड लायंस के खिलाफ शतक के दम पर टेस्ट में मौका मिला। वह राहुल की जगह ले सकते हैं, लेकिन जडेजा की जगह लेना इतना आसान नहीं है। एक कुशल गेंदबाज होने के अलावा वह मध्यक्रम में बल्लेबाजी को मजबूती प्रदान करते हैं।

वाशिंगटन सुंदर या कुलदीप यादव

भारतीय टीम की योजनाओं में वाशिंगटन सुंदर हैं। यह तब साफ हो गया जब नेट सेशन शुरू होने के तुरंत बाद मुख्य कोच राहुल द्रविड़ उन्हें ढूंढ़ रहे थे। ऑलराउंडर कुछ देर बाद आया सीधे नेट्स पर पहुंचा। इंग्लैंड के खिलाफ पिछली सीरीज में भी जडेजा नहीं खेले थे। तब तत्कालीन टीम प्रबंधन ने वाशिंगटन की ओर रुख किया था। उन्हें चार टेस्ट मैचों में से तीन में कुलदीप पर तरजीह दी गई। यह उनका आखिरी टेस्ट था, जिसमें उन्होंने नाबाद 96 रन बनाये थे।

बल्लेबाजी में गहराई या 3 विशेषज्ञ स्पिनर

हालांकि, एक स्पिनर के तौर पर उनके कुलदीप से आगे रहने की संभावना कम दिखती है, क्योंकि स्लो टर्नर पर चाइनामैन गेंदबाज वैरिएशन के कारण प्रभावी होगा। पहले टेस्ट से पहले कप्तान रोहित शर्मा ने कहा था कि वह कुलदीप से प्रभावित हैं, लेकिन बल्लेबाजी में गहराई के लिए वह अक्षर पटेल के साथ गए। इस वक्त बल्लेबाजी समस्या है। यह देखना अभी बाकी है कि क्या भारत बल्लेबाजी में गहराई चाहता है या 3 विशेषज्ञ स्पिनर्स पर निर्भर रहता है।

 

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