मध्यप्रदेश

अफसरों को दो टूक- लेटलतीफी की तो होगा सस्पेंशन

ग्वालियर
मोहन सरकार में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा की ग्वालियर में हुई राजस्व महाअभियान समीक्षा बैठक का असर पूरे प्रदेश में है। समय बंधन को लेकर सख्त राजस्व मंत्री ने ग्वालियर सहित पूरे प्रदेश के अफसरों को दो टूक शब्दो में कहा है कि अगर लेतलाली हुई तो अब सीधे निलंबन होगा।

राजस्व मंत्री के इस सख्त रुख को देख अब प्रदेश भर के राजस्व अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरे खिंच गई है। दरअसल, राजस्व मंत्री ने ग्वालियर में नामांकन, सीमांकन व बटवारा प्रकरणों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होने राजस्व अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा कि यदि रजिस्ट्री होने के 30 दिन के भीतर किसी तहसीलदार-नायब तहसीलदार ने नामांतरण नहीं किया तो वह अपने आप को निलंबित समझे। लिहाजा नामांकन, सीमांकन व बटवारा प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समयावधि के भीतर किया जाए।

किसान न हो परेशान इसलिए राजस्व महाअभियान
राजस्व मंत्री वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा है कि प्रदेश के किसी भी किसान को राजस्व संबंधी समस्या के लिये भटकना न पड़े। इसी उद्देश्य से राजस्व महाअभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा नामांतरण, नामांकन व बटवारा के प्रकरणों में अधिकतम समय-सीमा का इंतजार न करें।

सभी राजस्व अधिकारी सकारात्मक सोच एवं किसानों की मदद के भाव के साथ जल्द से जल्द प्रकरणों का निराकरण करें, जिससे आम आदमी का विभाग के प्रति विश्वास और आप सबके प्रति सम्मान बढ़े। उन्होंने कहा सीमांकन प्रकरणों का निराकरण सभी पक्षों की मौजूदगी में करें, जिससे आगे कोई विवाद की स्थिति न रहे। श्री वर्मा ने राजस्व महाअभियान के दौरान राजस्व अभिलेखों की त्रुटियों को दुरुस्त (नक्शे पर तरमीम) और प्रमुखता के साथ बी-1 का वाचन करने पर विशेष बल दिया।

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