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लक्षद्वीप को लेकर अंतरिम बजट में बड़े ऐलान, मालदीव को लगा झटका

नई दिल्ली
मालदीव से भारत के तनावपूर्ण रिश्तों के बीच लक्षद्वीप को लेकर अंतरिम बजट में बड़े ऐलान किए गए हैं। इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लक्षद्वीप का भी जिक्र किया। वित्त मंत्री ने संसद में कहा कि देश में घरेलू पर्यटन के लिए पैदा होते उत्साह को देखते हुए लक्षद्वीप सहित हमारे द्वीपों पर पोत संपर्क, पर्यटन के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। अंतरिम केंद्रीय बजट पेश करते हुए उन्होंने यह भी कहा, ''हमारी आर्थिक ताकत ने देश को व्यापार और सम्मेलन पर्यटन के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना दिया है।'' लक्षद्वीप समेत द्वीपों पर तमाम प्रोजेक्ट्स की शुरुआत को लेकर किया गया ऐलान मालदीव के लिए किसी झटके जैसा ही है। इससे मालदीव में पर्यटकों की संख्या में कमी आ सकती है, जिसका फायदा लक्षद्वीप को मिलेगा।

संसद में पर्यटन उद्योग के लिए बजट अनुमान को पिछले बजट से 2 प्रतिशत से अधिक बढ़ाते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों को प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों के व्यापक विकास, वैश्विक स्तर पर उनकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और केंद्र सरकार ऐसा करेगी। वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष) 2024-25 के लिए बजट अनुमान 2,449.62 करोड़ है। वित्त वर्ष 2023-24 में यह 2,400 करोड़ था। हालांकि, 2023-24 के लिए संशोधित अनुमान ₹1692.10 करोड़ था। मंत्री ने आगे सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्ता के आधार पर केंद्रों की रेटिंग के लिए एक रूपरेखा बनाने का प्रस्ताव रखा।

पीएम मोदी ने भी किया था लक्षद्वीप का दौरा
वित्त मंत्री द्वारा लक्षद्वीप का जिक्र काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत चार जनवरी को लक्षद्वीप का दौरा किया था। सोशल मीडिया पर उस समय विवाद खड़ा हो गया जब मालदीव के एक मंत्री और कुछ अन्य नेताओं ने लक्षद्वीप के एक प्राचीन समुद्र तट पर प्रधानमंत्री मोदी का एक वीडियो पोस्ट करने के बाद उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद, कई भारतीय नागरिकों और टूर ऑपरेटरों ने मालदीव जाने की अपनी योजना रद्द कर दी। मालदीव सरकार ने भी दबाव में आते हुए तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया था। हालांकि, इसके बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन का दौरा करते हुए कई अहम समझौते किए थे।

मालदीव में लगातार कम हो रहे भारतीय पर्यटक
मालदीव को पिछले दिनों तब झटका लगा जब मालदीव आने वाले विदेशी पर्यटकों में पहले सर्वाधिक संख्या भारतीयों की होती थी जो नई दिल्ली और माले के बीच कूटनीतिक विवाद के बीच पिछले कुछ सप्ताह में कम होकर पांचवें स्थान पर आ गई है। मालदीव के पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों में इस द्वीपीय देश की यात्रा करने वाले भारतीय मुसाफिरों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन साल में हर साल दो लाख से अधिक भारतीयों ने मालदीव का भ्रमण किया जो कोविड-19 महामारी के बाद किसी देश के पर्यटकों की सर्वाधिक संख्या है। आंकड़ों के अनुसार मालदीव में इस साल 28 जनवरी तक 1.74 लाख से अधिक पर्यटक आए हैं जिनमें से केवल 13,989 भारतीय रहे। इस सूची में रूस अव्वल रहा जहां 18,561 रूसी पर्यटकों ने मालदीव की यात्रा की। इसके बाद इटली के 18,111, चीन के 16,529 और ब्रिटेन के 14,588 पर्यटकों ने मालदीव का भ्रमण किया।

 

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