गायिका टेलर स्विफ्ट डीपफेक का हुईं शिकार, आपत्तिजनक तस्वीरें वायरल
न्यूयॉर्क
मशहूर गायिका टेलर स्विफ्ट डीपफेक का शिकार हुईं हैं , उनकी कई आपत्तिजनक तस्वीरें सोशल मीडिया पर सार्जनिक हुई हैं। इस मामले ने कृत्रिम मेधा (एआई) के बढ़ते दुरुपयोग के बारे में चिंता बढ़ा दी है। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इस सप्ताह गायिका स्विफ्ट की आपत्तिजनक फर्जी तस्वीरें सामने आईं। एआई का इस्तेमाल करते हुए किसी तस्वीर पर या वीडियो पर किसी अन्य व्यक्ति की तस्वीर लगाकर उसे इस तरह पेश करना कि वह असली लगे डीपफेक कहलाता है। इन तस्वीरों के सार्वजनिक होने के बाद स्विफ्ट के प्रशंसक एकजुट हुये और उन्होंने गायिका के समर्थन में ‘एक्स’ पर अभियान चलाया। कुछ ने कहा कि उन्होंने उन सोशल मीडिया खातों की शिकायत की है जो आपत्तिजनक तस्वीरें साझा कर रहे हैं।
डीपफेक का पता लगाने वाले समूह ‘रिएलिटी डिफेंडर’ ने कहा कि उसे स्विफ्ट को चित्रित करने वाली कुछ अश्लील सामग्री विशेष रूप से ‘एक्स’ पर मिली हैं। कुछ तस्वीरें फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर भी पाई गई हैं। ‘रिएलिटी डिफेंडर’ के विकास प्रमुख मैसन एलन ने कहा,‘‘कुछ तस्वीरें हटाई गई लेकिन उस वक्त तक ये लाखों उपयोगकर्ताओं तक पहुंच गईं थीं।’’
स्विफ्ट की फर्जी तस्वीरों के बारे में पूछने के लिए जब ‘एक्स’ से संपर्क किया गया तो उसने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर बिना सहमति के आपत्तिजनक तस्वीरों को साझा करने से सख्ती से रोकती है। ‘एक्स’ ने कहा, ‘‘हमारी टीम सभी तस्वीरों को हटाने का काम कर रही है साथ ही उन खातों पर कार्रवाई कर रही है जिनसे से तस्वीरें पोस्ट की गई थीं।’’ इस बीच मेटा ने एक बयान में कहा कि वह ‘‘विभिन्न इंटरनेट सेवाओं पर दिखाई देने वाली सामग्री’’ की कड़ी निंदा करता है और इसे हटाने के लिए काम किया गया है। स्विफ्ट से इस संबंध में बातचीत की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
ये बहुत ही भयावह- अमेरिकी सांसद
जैसी ही सिंगर की ये डीपफेक फोटोज सामने आई तो अमेरिकी नेताओं ने भी इस पर नजर डाली और कहा कि ये बहुत ही भयावह है। उन्होंने कहा कि जिसने भी ये फोटोज शेयर की है, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई होगी और इन तस्वीरों को तत्काल सोशल मीडिया से हटाया जाए। बता दें कि भारत के बाद अब अमेरिका में इस तरह के घटना होने चिंता का विषय बनती जा रही है।
भारत में जल्द आ सकता है कानून
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए लोगों को हो रही परेशानियों और उनकी प्राइवेसी के साथ खिलवाड़ करना है। ऐसे में इससे ना सिर्फ भारत बल्कि कई बड़े देश परेशान हैं और इसका समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि इंडिया में इसके खिलाफ कानून बनाने की बात हो रही है और उम्मीद है बहुत जल्द इस पर कानून भी आ सकता है।