मध्यप्रदेश

सरकार अब ऐसे क्लीनिकों पर कार्रवाई करने की तैयारी में जो सरकार के स्वास्थ्य पोर्टल पर पंजीकृत नहीं !

भोपाल
 मध्य प्रदेश विधानसभा में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। राज्य में 9,000 से ज़्यादा फिजियोथेरेपिस्ट काम कर रहे हैं, लेकिन सरकारी हेल्थ पोर्टल पर सिर्फ 40 फिजियोथेरेपी क्लीनिक ही रजिस्टर्ड हैं। यह जानकारी 26 मार्च तक की है। इतने कम क्लीनिकों के रजिस्ट्रेशन से अवैध और बिना रजिस्ट्रेशन वाले क्लीनिकों पर शक गहरा गया है। इसलिए इनकी जांच शुरू हो गई है। सरकार अब ऐसे क्लीनिकों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है।

राज्य के हेल्थ कमिश्नर तरुण राठी ने सभी जिलों के CMHO को एक आदेश दिया है और कहा है कि अवैध फिजियोथेरेपी क्लीनिकों को पहचाना जाए और उन्हें बंद किया जाए। साथ ही उन्होंने CMHO को यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि जो क्लीनिक सही हैं, वे सरकार के पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराएं। यह कार्रवाई विधानसभा सत्र में उठे सवालों के बाद की जा रही है। सवालों में बिना रजिस्ट्रेशन वाले क्लीनिकों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई गई थी। यह राज्य के नर्सिंग होम एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का उल्लंघन है। इस एक्ट के अनुसार, सभी मेडिकल सर्विस देने वालों का रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है।

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और आसान बनाए सरकार

MP फिजियोथेरेपिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील पांडे ने कहा कि अवैध फिजियोथेरेपी क्लीनिकों के खिलाफ कार्रवाई जरूर होनी चाहिए, लेकिन सरकार को रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए। साथ ही फिजियोथेरेपिस्ट को MP एलाइड एंड हेल्थ केयर काउंसिल में तुरंत रजिस्टर करना चाहिए
वादे पूरे नहीं करने का भी आरोप

पहले फिजियोथेरेपिस्ट पैरामेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराते थे। एक साल पहले तक इस काउंसिल में 3,028 फिजियोथेरेपिस्ट रजिस्टर्ड थे। जांच में यह भी पता चला है कि फिजियोथेरेपी शिक्षा और सेवाओं को लेकर किए गए वादे पूरे नहीं हुए हैं। पहले घोषणा की गई थी कि सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फिजियोथेरेपी डिग्री कोर्स शुरू किए जाएंगे। साथ ही सरकारी अस्पतालों में फिजियोथेरेपिस्ट की नियुक्ति भी बढ़ाई जाएगी, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

सरकार की कार्रवाई से जागी उम्मीद

इस पूरे मामले से कई सवाल उठ रहे हैं। क्या सरकार अवैध क्लीनिकों पर लगाम लगाने में सफल होगी? क्या फिजियोथेरेपिस्ट के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आसान हो पाएगी? और क्या फिजियोथेरेपी शिक्षा और सेवाओं को लेकर किए गए वादे पूरे होंगे? इन सवालों के जवाब आने वाले समय में ही मिल पाएंगे, लेकिन फिलहाल, सरकार की कार्रवाई से फिजियोथेरेपी के क्षेत्र में सुधार की उम्मीद जगी है।

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