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अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने साइबर सुरक्षा उल्लंघन की पुष्टि की, चीनी हैकर्स ने कैसे की सेंधमारी ?

वाशिंगटन
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने साइबर सुरक्षा उल्लंघन की पुष्टि की है जिसकी वजह से चीनी हैकर्स कर्मचारियों के वर्कस्टेशन और अवर्गीकृत दस्तावेजों तक पहुंच बनाने में सफल रहे। हालांकि विभाग ने यह नहीं बताया कि कितने वर्कस्टेशन तक पहुंच बनाई गई या हैकर्स ने किस तरह के दस्तावेज हासिल किए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सांसदों को लिखे पत्र में, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने कहा कि 'इस समय ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह बताता हो कि खतरा पैदा करने वाले व्यक्ति की पहुंच अब भी ट्रेजरी की जानकारी तक बनी हुई है।'

पत्र में कहा गया, 'इस पूरे मामले की बड़ी साइबर सुरक्षा घटना' के रूप में जांच की जा रही है। ट्रेजरी हमारे सिस्टम और उसके पास मौजूद डाटा के खिलाफ सभी खतरों को बहुत गंभीरता से लेता है।' विभाग के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "पिछले चार वर्षों में, ट्रेजरी ने अपनी साइबर सुरक्षा को काफी मजबूत किया है और हम अपने वित्तीय सिस्टम की सुरक्षा के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के भागीदारों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।"

रिपोर्ट में कहा गया कि यह घुसपैठ तब हुई जब हैकर्स थर्ड-पार्टी सॉफ्टेवयर सर्विस प्रोवाइडर बियॉन्डट्रस्ट से छेड़छाड़ कर रिमोट टेक्निकल सपोर्ट सर्विस को सुरक्षित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुंजी (की) तक पहुंच बनाने में कामयाब रहे। ट्रेजरी विभाग के अनुसार, उसे नवीनतम समस्या के बारे में 8 दिसंबर को पता चला जब बियॉन्डट्रस्ट ने बताया कि हैकरों ने एक कुंजी (की) चुरा ली है। प्रभावित सेवा को ऑफलाइन कर दिया गया है। एफबीआई, साइबर सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षा एजेंसी (सीआईएसए) और अन्य संबंधित प्राधिकरणों की भागीदारी में जांच चल रही है।

हालांकि चीन ने सभी आरोपों से इनकार कर दिया है। बीजिंग में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हैकिंग के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका के पास सबूत नहीं हैं। माओ निंग ने कहा, "हमने बार-बार ऐसे निराधार आरोपों पर अपनी स्थिति बताई है, जिनमें सबूत नहीं हैं। चीन लगातार सभी तरह की हैकिंग का विरोध करता है, और हम राजनीतिक उद्देश्यों के लिए चीन के खिलाफ झूठी जानकारी के प्रसार का और भी अधिक विरोध करते हैं।"

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