मध्यप्रदेश

किसानों ने कहा – फसलें लहलहाएंगी, पलायन रुकेगा

भोपाल
देश की पहली अति महत्वाकांक्षी और बहुउद्देशीय केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र में फसलें लहलहाएंगी और पलायन रुकेगा। वहां के बहुत से गांवों के निवासियों को, जो पानी की कमी के चलते काम की तलाश में समीपवर्ती राज्यों में पलायन कर जाते थे, अब उन्हें अपना घर – गांव छोड़कर बाहर नहीं जाना पड़ेगा। खेतों में पर्याप्त पानी होगा तो वे वर्ष भर फसल ले सकेंगे। यह किसानों के लिए किसी सपने के पूरे हो जाने से कम नहीं होगा और इसके लिए वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का दिल से धन्यवाद एवं आभार प्रकट करते हैं।

सटई गांव के किसान मुन्ना असाटी बताते हैं उनका क्षेत्र कम वर्षा के कारण सूखाग्रस्त है और इस कारण वहां के किसान मुश्किल से एक फसल ले पाते हैं। समीप के गांव कुंदरपुरा, जो जनजातीय बहुल ग्राम है, के तो 90% निवासी काम की तलाश में दिल्ली, हरियाणा और पंजाब चले जाते हैं। गांव में पानी आ जाने से न केवल वे खेती कर पाएंगे बल्कि अपने घर में रह पाएंगे, मां-बाप की देखभाल कर पाएंगे, बच्चों को पढ़ा पाएंगे।

ग्राम सिमरा पनिहार के कृषक बल्दू केवट, रामनारायण दुबे और हकीमपुरा के रामेश्वर अहिरवार बताते हैं कि अभी वे वर्ष भर में पानी की कमी के चलते केवल एक फसल ले पाते हैं। परियोजना से खेतों में पानी आएगा तो वे वर्ष में तीन फसल ले पाएंगे। पर्याप्त आमदनी होने से परिवार का लालन-पालन भी ढंग से हो पाएगा।

ग्राम टिकरी के किसान बृज गोपाल अवस्थी, ग्राम जटकारा के प्रकाश पंडित, ग्राम बृजपुरा के आसाराम साहू और भवानी दीन मिश्रा बताते हैं कि कम बारिश के कारण क्षेत्र में भू-जल स्तर भी बहुत नीचे चला गया है। कुआं खुदवाओ तो पानी बहुत नीचे मिलता है। बरसात के थोड़े दिनों के बाद यहां के सारे स्टॉप डैम भी सूख जाते हैं, जिससे सिंचाई के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं रहता। ऐसे में खेती करना बहुत मुश्किल हो जाता है। जैसे-तैसे खेती तो करते हैं, परंतु उत्पादन बहुत कम होता है। केन-बेतवा परियोजना से भूमि जल का स्तर बढ़ेगा और विभिन्न जल स्रोतों से भी सिंचाई के लिए पानी मिल पाएगा। पशुओं के लिए हरा-भरा चारा और पानी मिलने से पशुपालन भी बढ़ेगा।

खजुराहो के कृषक बाबूलाल पटेल और बिहारी लाल पटेल बताते हैं कि खजुराहो में अनेक पर्यटन स्थल है, परंतु पानी की कमी के कारण पर्यटन पर भी असर पड़ता है। केन-बेतवा परियोजना आ जाने से पर्यटन के क्षेत्र में भी वृद्धि होगी। रोजगार और व्यवसाय भी बढ़ेगा। पानी की उपलब्धता से आस-पास के क्षेत्र में उद्योग भी लगेंगे।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button