डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति बनते ही दुनिया में हो सकते हैं ये 3 बड़े बदलाव
वाशिंगटन
हाल ही में अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप में ऐतिहासिक जीत हासिल की है और वो अगले साल निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल के खत्म होते ही 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। उनके राष्ट्रपति बनने के पूर्व ही पूरी दुनिया की नजरें उनके बड़े फैसलों पर टिकी हुई हैं।
युआन (रेमेंबी) की जगह डॉलर का बढ़ेगा प्रभाव
राष्ट्रपति चुनाव के बाद ही डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के सामने यह साफ कर दिया है कि वो किसी भी कीमत पर डालर के प्रभाव को कम नहीं होने देंगे। उन्होंनें हाल ही में एक बयान देते हुए कहा कि अगर कोई देश डॉलर को प्रतिस्थापित करने की कोशिश भी करेगा तो अमेरिका उस देश पर इतना ट्रैफिक लगायेगा कि वह देश आर्थिक संकटों में उलझ कर रह जायेगा। ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को भी चेताया है और उनपर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी है अब अगर ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दिख सकता है। अब देखना होगा कि ट्रंप अपनी नीतियों से आने वाले सालों में अमेरिका को कहां ले जाते हैं। वहीं चीन की बात करें तो चीन डालर के प्रभाव को कम कर अपनी मुद्रा युआन को हर कीमत पर आगे बढ़ाने में लगी हुई है। चीन इसके लिए दुनिया भर के तमाम देशों के साथ अपनी मुद्रा में व्यापार करने के लिए उन्हें भारी छूट भी दे रही है।
पूरी दुनिया में शान्ति स्थापित होने के आसार
रूस-यूक्रेन युद्ध को शुरु हुए लगभग 1100 से अधिक दिन हो चुकें हैं। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पूरी दुनिया की नजरें रूस और यूक्रेन युद्ध पर एक बार फिर से आकर टिक गई है। चुनाव के पहले से ही ट्रंप का मानना था कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद महज 24 घंटे में वो दोनों देशों के बीच युद्ध जो रुकवा देंगे। साथ ही पश्चिम एशिया में इजराइल और हमास के बीच शांति लाने का भी प्रयास करेंगें।
भारत पर आयात कर बढ़ने के आसार
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पूर्व कार्यकाल के दौरान भारत पर भारी टैरिफ लगा लगाया था। हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिलों पर टैरिफ कम करने के मामले पर भी उन्होंनें किसी प्रकार की कोई कटौती नहीं की थी। जिस कारण इस मोटरसाइकिलों के व्यापार पर काफी असर पड़ा था। वहीं दूसरी ओर बात की जायें तो भारत ब्रिक्स देशों की सूची में भी शामिल है तो अगर ट्रंप इन देशों पर टैक्स लगाते हैं तो इसका असर प्रत्यक्ष तौर पर भारत पर देखने को मिलेगा।