जिले को समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में फूड पार्क महत्वपूर्ण कदम- मंत्री पटेल
भोपाल
पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम एवं भिण्ड जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल के मुख्य आतिथ्य में भिण्ड में पहली बार इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया। कार्यक्रम जिला पंचायत कार्यालय के सभागृह में आयोजित किया गया। इस अवसर पर नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला सहित विधायक, जनप्रतिनिधि, कलेक्टर, इन्वेस्टर्स, विभिन्न बैंकों के अधिकारी उपस्थित रहे।
मंत्री श्री पटेल ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि अपार संभावनाएं भी खुलेंगी। इस क्षेत्र में निवेश जिले की कृषि उत्पादकता को बढ़ाएगा।किसानों की आय में वृद्धि होगी और मूल्य संवर्धन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त होगी। ऐसे प्रयास जिले को आर्थिक रूप से समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।निवेशकों की हर संभव मदद की जाएगी है। उन्होंने निवेशकों को आश्वस्त किया कि सरकार राज्य में विभिन्न उद्योगों में निवेश बढ़ाने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है, मध्यप्रदेश को प्रगति की नई ऊंचाइयों तक ले जाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला ने कहा कि आज भिण्ड के ब्रांड को दुनिया में पहुंचाने की जरूरत है। जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के लगातार प्रयासों से एमएसएमई विभाग के अंतर्गत ग्राम नुन्हाटा में लगभग 300 हैक्टेयर भूमि पर फूड पार्क प्रस्तावित है। इन्वेस्टर्स मीट कार्यक्रम में बताया गया कि जिले के औद्योगिक विकास एवं रोजगार को सृजित करने के उद्देश्य से यह फूड पार्क विकसित किया जा रहा है, जिसका लाभ जिले के किसानों को मिलेगा एवं उन्हें प्रशिक्षण के माध्यम से प्राकृतिक खेती, सब्जियों की इंटरक्रापिंग, फलोद्यान विकास के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा। कृषि उत्पाद आदि की बिक्री एवं अच्छे दाम दिलवाने की व्यवस्था फ़ूड पार्क में उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमियों के साथ लिंक कर की जाएगी, जिससे कृषक क्राप डायवर्सिफिकेशन, वेजीटेबल इंटरक्रापिंग के प्रति भी आकर्षित होकर अपनी आमदनी को बढ़ा सकें।
फूड पार्क कन्वर्जेंस मॉडल पर आधारित रहेगा, जिसके तहत फूड प्रोसेसिंग से संबंधित विभिन्न प्रकार के उद्योग स्थापित किए जाएंगे, जिससे लगभग 5 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। परियोजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए नाबार्ड से सब्सिडी, अनुदान आदि के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे बेहतर उपकरण, इंक्यूबेशन सेंटर, कॉमन फैसिलिटेशन सेंटर, खाद्य उत्पादों की सैंपलिंग, टैस्टिंग, पैकेजिंग आदि की बेहतर सुविधा फूड पार्क में ही उपलब्ध हो सके। समिट में एमएसएमई, एपीडा, डीजीएफटी आदि के विशेषज्ञ इन्वेस्टर्स को विभिन्न फूड प्रोसेसिंग से एवं इंडस्ट्री से संबंधित विभिन्न लाभकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी साझा की गई।