राजस्थान-जयपुर में एसआई भर्ती रद्द करने वाले युवाओं की गिरफ्तारी करने पहुँची पुलिस से भिड़े किरोड़ी मीणा
जयपुर.
राजस्थान में सब इंस्पेक्टर भर्ती को लेकर बवाल बढ़ता नजर आ रहा है। जयपुर में देर रात पुलिस उन छात्रों को थाने ले जाने देर रात उनके घर पहुंच गई जो लंबे समय से एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करवाने की मांग कर रहे हैं। जब सरकार के कैबिनेट मंत्री किरोड़ लाल मीणा को इसकी जानकारी मिली तो वे मौके पर ही पहुंचकर पुलिस से भिड़ गए।
मामला महेश नगर इलाके का है। देर रात 12 बजे महेश नगर थाना पुलिस कुछ छात्रों के घर पहुंची। घर पर सो रहे छात्रों को जगाकर उन्हें थाने ले जाया गया। इनमें एक छात्रा भी थी। किरोड़ी लाल मीणा इस बात पर बहुत नाराज हुए और उन्होंने पुलिस कर्मियों को जमकर लताड़ लगाई। इसके कुछ वीडियोज भी सामने आए हैं।
भर्ती परीक्षा निरस्त करवाने की मांग पर अड़े किरोड़ी
राजस्थान में एसआई भर्ती परीक्षा में बड़े स्तर पर पेपर लीक का मामला एसओजी की जांच में समाने आ चुका है। इसके बाद भर्ती परीक्षाओं की तैयारियों से जुड़े छात्र इस पेपर को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि पहले सरकार ने इस मामले में एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने अपनी सिफारिशें सरकार को दे भी दीं लेकिन अब सरकार इस मामले को लेकर न तो भर्ती रद्द करने की बात कह रही है और न ही यह कह रही है कि भर्ती रद्द नहीं होगी।
10 दिसंबर को कोर्ट में देगी जवाब
इधर राजस्थान हाईकोर्ट ने भी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा है कि एसआई भर्ती पर सरकार का स्टैंड क्या है। सरकार ने कोर्ट से जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय मांगा था लेकिन कोर्ट ने इस मामले में यथास्थिति का आदेश पारित करते हुए 10 दिसंबर का समय दिया है। एसआई भर्ती परीक्षा के मामले में जांच एजेंसी एसओजी अब तक 50 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर और नकल गिरोह के 30 अन्य लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जुली ने x पर लिखा –
जयपुर में पुलिस द्वारा पढ़ाई कर रहे युवाओं को आधी रात में गिरफ्तार करना एक घोर निंदनीय और अलोकतांत्रिक कृत्य है। यह घटना भाजपा सरकार की युवा विरोधी और महिला विरोधी मानसिकता को उजागर करती है। यह घटना बताती है कि प्रदेश की भाजपा सरकार और पुलिस अब जनता के प्रति जवाबदेह नहीं रह गई है। यह सिर्फ छात्रों पर अन्याय नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर हमला है। भाजपा सरकार सत्ता के नशे में यह भूल गई है कि लोकतंत्र में जनता की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता। मैं इस अलोकतांत्रिक कार्रवाई की घोर भर्त्सना करता हूं और सरकार को चेतावनी देता हूं कि युवाओं की आवाज़ को दबाने का यह प्रयास उन्हें बहुत महंगा पड़ेगा। प्रदेश की जनता अब इस तानाशाही को और बर्दाश्त नहीं करेगी। भाजपा सरकार को यह समझना चाहिए कि लोकतंत्र में सत्ता जनता की सेवा के लिए है, न कि उनकी आवाज़ दबाने के लिए।