बिहार-पीएससी परीक्षा में विनीत का सहायक रजिस्ट्रार पद पर चयन
सारण.
सारण जिले के मशरख प्रखंड के रामपुर पकड़ी गांव के होनहार युवा विनीत आनंद ने बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (बीपीएससी) परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर टॉप 10 में 5वां स्थान हासिल किया है। विनीत का चयन सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति के पद पर हुआ है। यह उपलब्धि विनीत के कठिन परिश्रम और जीवन की कठिन परिस्थितियों से लड़ने के जज्बे की कहानी है।
विनीत आनंद ने बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में यह सफलता हासिल की। वर्ष 2004 में जब वे मात्र 12 वर्ष के थे, उनके पिता अवधेश तिवारी का निधन हो गया। परिवार को संभालने और बच्चों के भविष्य को संवारने में उनकी मां और बहन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी मां ने विपरीत हालातों के बावजूद विनीत की शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का पूरा ध्यान रखा।
शिक्षा और करियर का सफर
विनीत की प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से वर्ष 2017 में इतिहास विषय में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने रेलवे में टेक्नीशियन के पद के लिए परीक्षा पास की थी, लेकिन अपनी बड़ी आकांक्षाओं के चलते इस नौकरी को ठुकरा दिया। उनका लक्ष्य हमेशा से बीपीएससी और यूपीएससी जैसी परीक्षाओं में सफलता हासिल करना था।
मां और बहन की प्रेरणा
विनीत की बहन प्रियंका कुमारी ने बताया कि पिता के निधन के बाद ऐसा लगा था जैसे परिवार बिखर जाएगा। लेकिन उनकी मां ने मजबूत इरादों के साथ परिवार को संभाला और विनीत को पढ़ाई में पूरी मदद की। प्रियंका के अनुसार, विनीत शुरू से ही पढ़ाई में बेहद गंभीर थे और अपने लक्ष्य के प्रति पूरी ईमानदारी से मेहनत करते रहे।
सफलता के पीछे 12 साल का संघर्ष
विनीत आनंद ने बताया कि यह सफलता 12 साल के लंबे संघर्ष का परिणाम है। इस दौरान उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन कभी हार नहीं मानी। उन्होंने कहा कि संघर्ष का फल मीठा होता है, यह कहावत मैंने सुनी थी और आज सच साबित हो गई। रेल विभाग में नौकरी मिल गई थी, लेकिन मेरा सपना कुछ और था। इसलिए मैंने वह नौकरी ज्वाइन नहीं की।
आगे की तैयारी और उम्मीदें
विनीत आनंद का अगला लक्ष्य यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करना है। उन्होंने कहा कि बीपीएससी में सफलता के बाद अब वे पूरी तरह यूपीएससी पर फोकस कर रहे हैं और जल्द ही उसका भी परिणाम आने की उम्मीद है। वहीं, विनीत की सफलता की खबर से पूरे गांव में खुशी का माहौल है। रिश्तेदारों और दोस्तों के बधाई संदेशों का तांता लगा हुआ है। उनके गांव और परिवार के लिए यह एक गर्व का क्षण है।