राजस्थान-झालावाड़ में वसुंधरा बोलीं- ‘पीठ में छुरा घोंपने में माहिर होते हैं लोग’
झालावाड़.
प्रदेश में सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पांच सीटें जीतकर अप्रत्याशित परिणाम हासिल किया है। इन्हीं अप्रत्याशित परिणामों को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की जोड़ी की जमकर तारीफें हो रही हैं। प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की सादगी एवं संगठन और सरकार के बीच में उनके द्वारा बैठाया गया तालमेल कुछ इस तरीके से काम करता नजर आया कि इन दोनों नेताओं के आगे विपक्ष धराशायी हो गया।
जिन दोनों नेताओं को चुनावी प्रचार के दौरान अनुभवहीन बताया जा रहा था, उन्हीं दोनों नेताओं ने कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली झुंझुनू सीट को कांग्रेस के मुंह से छीन लिया और दूसरी तरफ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की राजधानी मानी जाने वाली खींवसर सीट को जीतकर विधानसभा में हनुमान बेनीवाल और उनकी पार्टी को जीरो पर लाकर खड़ा कर दिया। इधर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोशल मीडिया X पर जीत की बधाई दी परंतु राजे की बधाई से ज्यादा उनका झालावाड़ में एक कार्यक्रम के दौरान दिया गया भाषण ज्यादा चर्चाओं में आ गया। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे महाराणा प्रताप की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम के दौरान महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़ी बातों पर चर्चा करते हुए कुछ ऐसा कह गईं, जिसकी चर्चा हर तरफ चल पड़ी है। मंच से बोलते हुए उन्होंने कहा- महाराणा प्रताप के जीवन से हमें सीखना चाहिए है कि लोग पीठ में छुरा घोंपने में माहिर होते हैं। महाराणा कभी ऐसा नहीं करते थे और निहत्थे पर वार करने की बजाय अपने साथ दो तलवारें रखते थे, एक अपने लिए और एक निहत्थे के लिए। उन्होंने महाराणा प्रताप के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए और समझना चाहिए कि समय का चक्र पहिये सा घूमता है। महलों में मखमल पर सोने वाले राजा को भी जंगल में कांटों पर भी सोना पड़ता है। महाराणा का सिद्धांत था अत्यंत विकट परिस्थिति में भी जो हार नहीं मानते हैं, जीत उन्हीं की होती है। उन्होंने कहा कि महाराणा का जीवन हमें बताता है कि सांप से कितना ही प्रेम कर लो, वह अपने स्वभाव के अनुरूप कभी न कभी तो आप पर जहर उगलेगा ही। यूं तो वसुंधरा ने अपने भाषण में महाराणा प्रताप के जीवन की खूबियों और उनसे सीख लेने की बात कही है लेकिन फिर भी उनकी बातों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है कि वह कौन है, जिसने वसुंधरा राजे के पीठ में छुरा मारने का प्रयास किया है, राजे इशारे-इशारे में किसी को कुछ समझाना चाह रही हैं या फिर अपनी ही बात कर रही हैं।