खोपड़ी में सालों धंसी रहेगी माओवादियों की मारी गोली, डॉक्टर्स बोले- गोली निकालने से जान को खतरा
भोपाल
मध्य प्रदेश में बालाघाट जिले के कुंडुल वन क्षेत्र में माओवादी तलाशी अभियान के दौरान हॉक फोर्स का एक जवान घायल हो गया था। जवान की खोपड़ी में गोली लगी थी। अब उसको हमेशा खोपड़ी के अंदर फंसी गोली के साथ रहना होगा।
सर्जरी से जा सकती है जान
दरअसल, जब हॉक फोर्स और ज्वॉइंट पुलिस फोर्स पर माओवादियों की भारी गोलीबारी हुई तो एक गोली शिवकुमार शर्मा के लग गई। उन्हें तुरंत उस क्षेत्र से निकाला गया और महाराष्ट्र के गोंदिया में एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टर जवान की खोपड़ी की सूजन को कम करने के लिए काम कर रहे हैं। उनकी हालत स्थिर है और डॉक्टरों ने गोली न निकालने की सलाह दी है क्योंकि किसी भी सर्जिकल ट्रीटमेंट से उनकी जान को खतरा हो सकता है।
बेहोश पहुंचे थे अस्पताल
डॉक्टरों ने कहा, जब शर्मा अस्पताल पहुंचे तो वह बेहोश थे। हॉक फोर्स के कमांडेंट सियाज केएम ने हमारे सहयोगी अखबार टीओआई को बताया, 'गोली गंभीर क्षेत्र में लगी है और इसे निकालने का प्रयास करने से गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। हम उनकी स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं।'
सीएम मोहन यादव भी रख रहे नजर
बालाघाट के एसपी नागेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी हालत स्थिर है, लेकिन उन्हें ठीक होने में कुछ महीने लगेंगे। सीएम मोहन यादव ने शर्मा की स्थिति के बारे में अपडेट प्राप्त करने के लिए डॉक्टरों से बात की और जवान और उनके परिवार को सभी आवश्यक सहायता देने का वादा किया। उन्होंने कहा कि राज्य जवान के चिकित्सा खर्च को वहन करेगा।
खुफिया रिपोर्ट के आधार पर हुई थी कार्रवाई
खुफिया रिपोर्टों के बाद बीएनएस डिवीजन में माओवादियों की मौजूदगी का संकेत मिलने के बाद हुई मुठभेड़ में शर्मा घायल हो गए थे। हॉक फोर्स की टीम ने सोनगुड्डा चौकी के पास तलाशी अभियान चलाया। जैसे ही टीम आगे बढ़ी, उनका 12 से 15 हथियारबंद माओवादियों से आमना-सामना हो गया, जिन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। इससे सुरक्षा बलों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। हमले के बाद, इसमें शामिल माओवादियों का पता लगाने के लिए क्षेत्र में तलाशी अभियान तेज करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।