नीतीश कुमार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया, महंगाई भत्ता 50 से बढ़ाकर 53 प्रतिशत किया, 1 जुलाई से लागू होगा
पटना
बिहार सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में 3 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इसके तहत कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो जाएगा, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को वित्तीय राहत मिलेगी। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2024 से प्रभावी होगी।
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का असर
अब तक राज्य के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा था, लेकिन इस नए फैसले के बाद यह बढ़कर 53 प्रतिशत हो जाएगा। इसका मतलब है कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। यह फैसला राज्य सरकार की ओर से महंगाई के प्रभाव को कम करने और कर्मचारियों की जीवनशैली में सुधार लाने के उद्देश्य से लिया गया है। मुख्य रूप से, राज्य के नियमित कर्मचारी, पेंशनभोगी और सरकारी विभागों में कार्यरत सभी लोग इस बढ़ोतरी से लाभान्वित होंगे। यह कदम राज्य सरकार के कर्मचारियों के वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार लाने के साथ-साथ, उनकी खरीद क्षमता को भी बढ़ाने में मदद करेगा।
1 जुलाई 2024 से प्रभावी होगा DA का बढ़ा हुआ प्रतिशत
यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2024 से प्रभावी होगी। इसका मतलब है कि जुलाई माह से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के खाते में नई सैलरी और पेंशन में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने लगेगी। इस फैसले से लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के जीवनस्तर में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
मुख्यमंत्री गृहस्थल क्रय योजना
इस बैठक में एक और महत्वपूर्ण योजना को मंजूरी दी गई, जिसे "मुख्यमंत्री गृहस्थल क्रय योजना" कहा गया है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार प्रत्येक भूमिहीन परिवार को अपनी भूमि खरीदने के लिए 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। यह योजना खास तौर पर उन परिवारों के लिए है जो वर्तमान में भूमि के मालिक नहीं हैं और जिनके पास कृषि या आवासीय भूमि की कोई स्वामित्व नहीं है। इस योजना से इन भूमिहीन परिवारों को एकमुश्त वित्तीय सहायता मिलेगी, जिसके तहत वे अपनी भूमि खरीदने के लिए सक्षम हो सकेंगे। इस पहल का उद्देश्य राज्य के भूमिहीन परिवारों को स्वावलंबी बनाना और उनके सामाजिक-आर्थिक हालात में सुधार लाना है।
ग्रामीण सड़कों के रखरखाव और उन्नयन के लिए मंजूरी
मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण और रखरखाव के संबंध में भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। ठेकेदारों द्वारा निर्माण के बाद, जिन ग्रामीण सड़कों के रखरखाव और उन्नयन का अनुबंध समाप्त हो चुका है, उनके लिए नई योजना की मंजूरी दी गई है। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क की स्थिति में सुधार लाने और ग्रामीण जीवन को और बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है।
सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम में पर्यटक सुविधाओं का विकास
इसके अलावा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम स्थित जानकी मंदिर के पास पर्यटक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भी एक बड़ा निर्णय लिया गया। इस परियोजना के तहत 50.50 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, और इसके लिए 120.58 करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान की गई है। यह परियोजना क्षेत्र में पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाओं का निर्माण करेगी, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। इसके साथ ही, स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। यह कदम राज्य सरकार की पर्यटन को बढ़ावा देने की नीति के अनुरूप है।
बिहार सरकार द्वारा किए गए ये फैसले राज्य के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक राहत लेकर आए हैं। महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी से लाखों कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। वहीं, मुख्यमंत्री गृहस्थल क्रय योजना से भूमिहीन परिवारों को भूमि खरीदने के लिए सहायता मिल रही है, जो उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा। ग्रामीण सड़कों के रखरखाव और उन्नयन के लिए भी योजना बनाई गई है, जिससे ग्रामीण जीवन में सुधार होगा। इसके अलावा, सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम में पर्यटन सुविधाओं के विकास से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। कुल मिलाकर, ये सभी फैसले बिहार सरकार द्वारा राज्य के नागरिकों की भलाई के लिए उठाए गए अहम कदम हैं, जो राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान देंगे।