राजा भोज एयरपोर्ट से हर दिनों की उड़ानों की संख्या 32 से बढ़कर हो जाएगी 46
भोपाल
शहर के राजा भोज एयरपोर्ट से जल्द ही सात नई उड़ानें शुरू होने वाली हैं। इससे एयरपोर्ट पर रोजाना उड़ानों की आवाजाही 32 से बढ़कर 46 हो जाएगी। यह नया विंटर शेड्यूल आगामी 27 अक्टूबर से लागू होगा। इससे यात्रियों को भोपाल आने-जाने के लिए और भी सुविधा होगी।
सूत्रों का कहना है कि फ्लाईबिग भोपाल और दतिया के बीच भी उड़ानें शुरू कर सकती है। एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि विंटर शेड्यूल में इसकी मांग की गई थी। पर अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि सात अन्य नई उड़ानों का भोपाल एयरपोर्ट से परिचालन शुरू होना तय है।
इन शहरों के लिए उड़ानें शुरू करने की योजना
इंडिगो एयरलाइंस दो लोकप्रिय शहरों- पुणे और गोवा के लिए रोजाना उड़ानें शुरू करने की योजना बना रही है। इससे व्यापारिक यात्रियों और पर्यटकों दोनों को फायदा होगा। पुणे अपने आईटी उद्योग और शिक्षण संस्थानों के लिए जाना जाता है, जबकि गोवा अपने समुद्र तटों और जीवंत संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।
कोलकाता के लिए भी मिलेगी फ्लाइट
इसके अलावा इंडिगो एयरलाइंस कोलकाता के लिए भी हफ्ते में तीन उड़ानें शुरू करेगी। इससे भोपाल भारत की सांस्कृतिक राजधानी से जुड़ जाएगा। लोगों को अपने परिवार, दोस्तों से मिलने या शहर के समृद्ध इतिहास और भोजन का पता लगाने में मदद मिलेगी।
एयर इंडिया भी शुरू कर सकती है परिचालन
इंडिगो एयरलाइंस के अलावा एयर इंडिया एक्सप्रेस के दिसंबर में भोपाल एयरपोर्ट से अपना परिचालन शुरू करने की उम्मीद है। एयर इंडिया की यह कम लागत वाली सहायक कंपनी चार प्रमुख महानगरों- मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद के लिए रोजाना उड़ानें संचालित करेगी।
यात्रियों मिलेंगे बेहतर विकल्प
भोपाल एयरपोर्ट के निदेशक रामजी अवस्थी ने कहा कि इससे न केवल यात्रियों को किफायती यात्रा के अधिक विकल्प मिलेंगे, बल्कि इन प्रमुख आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्रों से भोपाल की कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी।
विकास के साथ पर्यटन को विस्तार
भोपाल हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाओं का विस्तार शहर के व्यवसाय और पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ते महत्व का प्रमाण है। अवस्थी ने कहा कि उड़ानों और गंतव्यों की संख्या बढ़ने से लोगों को अपनी यात्राओं की योजना बनाने में अधिक लचीलापन होगा। वे देश के विभिन्न हिस्सों से बेहतर संपर्क की उम्मीद कर सकते हैं। नई उड़ानें भोपाल जैसे टियर-2 शहरों में हवाई यात्रा के बुनियादी ढांचे और सेवाओं को बेहतर बनाएगी।