देश

Hit and Run Law के खिलाफ असम में हड़ताल, सड़कों से वाहन नदारद, पेट्रोल पंपों पर कतार नदारद

गुवाहाटी
 'हिट-एंड-रन' मामलों पर नए दंडात्मक कानून के विरोध में असम के परिवहन संघों द्वारा संयुक्त रूप से बुलाई गई 48 घंटे की हड़ताल के कारण राज्य के अधिकांश हिस्सों में वाणिज्यिक और सार्वजनिक परिवहन से जुड़े वाहन सड़कों से नदारद दिखे।

हड़ताल के कारण बसें, टैक्सियां और ऐप संचालित कैब नहीं चलने के कारण ऑफिस जाने वाले लोगों को अपने कार्यस्थलों तक पहुंचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

असम मोटर वर्कर एसोसिएशन के संयोजक रामेन दास ने कहा, ”सरकार किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए केवल चालकों को दोषी ठहराना चाहती है, भले ही उसने अपराध नहीं किया हो। सड़क की स्थिति को सुधारने के बजाय, वे गरीब चालकों को दंडित कर रहे हैं।”

दास ने कहा, ‘हिट-एंड-रन’ मामलों पर नया कानून चालक विरोधी है और वाहनों के मालिकों के खिलाफ है। हम कानून वापस लेने की अपनी मांग पर दबाव बनाने के लिए शुक्रवार सुबह पांच बजे से रविवार सुबह पांच बजे तक सभी वाहनों की हड़ताल का आह्वान करते हैं।”

उन्होंने कहा कि  रात को राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ हुई वार्ता में कोई रास्ता नहीं निकला।

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत लापरवाही से गाड़ी चलाने और पुलिस या प्रशासन को सूचित किए बिना मौके से भागने वाले चालकों को 10 साल तक की जेल की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।

बीएनएस, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह लेगा।

आईपीसी में ऐसे अपराधों के लिए दो साल की सजा का प्रावधान था।

दास ने कहा कि हमने निजी कार मालिकों से भी इस आंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया है क्योंकि यह कानून सभी पर लागू होता है फिर चाहे घटना किसी वाणिज्यिक वाहन से हुई या फिर छोटी कार से।

हड़ताल के आह्वान के बीच राज्य भर के पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। ईंधन की आपूर्ति में कमी की आशंका के बीच लोग पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए कतार में खड़े दिखाई दिए।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button