दुनिया में बजेगा हमारा डंका : भारत में कई बड़ी परियोजनाओं से देश की तस्वीर बदलेगी
नई दिल्ली
देश का सबसे बड़ा पुल तैयारमुंबई में समुद्र पर देश का सबसे बड़ा पुल मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) बनकर तैयार हो चुका है। छह लेन के इस पुल पर जल्द गाड़ियां फर्राटे भरने लगेंगी। प्रधानमंत्री 12 जनवरी को इसका उद्घाटन करने वाले है। पुल 22 किलोमीटर लंबा है। मुंबई के शिवडी से नवी मुंबई के चिरले तक यात्री जाम में फंसे बिना यात्रा पूरी कर सकेंगे। यह पुल मौजूदा दो घंटे की यात्रा को घटाकर 15-20 मिनट की कर देगा।
सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिजजम्मू-कश्मीर में दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब रेलवे ब्रिज का कार्य पूरा होने को है। लोकसभा चुनाव से पहले 1.3 किलोमीटर लंबे ब्रिज पर ट्रेन चल सकती है। यह ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक का हिस्सा है। यह ब्रिज बनने से देश से कश्मीर घाटी का कनेक्शन हर मौसम में बना रहेगा। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं सेना की आवक-जावक में आसानी होगी। यह माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तक तापमान झेल सकता है। ब्रिज भूकंप, ब्लास्ट और तूफान को झेलने की भी क्षमता रखता है। ब्रिज की ऊंचाई नदी के तल से 359 मीटर है।
मालगाडिय़ों के लिए अलग से कॉरिडोरदेश में मालगाडिय़ों के लिए अलग से कॉरिडोर बन रहे हैं। इस्टर्न डेडिकेटड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) के 137 किलोमीटर लंबे डीडीयू-सोननगर खंड का उद्घाटन 7 जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री ने किया था। ईडीएफसी के न्यू साहनेवाल (लुधियाना) से न्यू खतौली होते हुए न्यू खुर्जा तक इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन वाली मालगाड़ी का परीक्षण पूरा हो चुका है। करीब 1,337 किमी ईडीएफसी का काम पूरा होने के आसार हैं। वेस्टर्न डेडिकेटड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) के भेस्तान-संजन बीजी डबल लाइन विद्युतीकृत खंड को पिछले साल चालू किया गया था। ईडीएफसी पर मालगाड़ी की औसत गति 47 किमी प्रति घंटा और डब्ल्यूडीएफसी पर 55 किमी प्रति घंटा है। करीब 75,000 से अधिक मालगाडिय़ां इससे गुजर चुकी हैं। फ्रेट कॉरिडोर बनने से यात्री ट्रेनों की गति बढ़ेेगी।
1309 रेलवे स्टेशनों की बदलेगी दशारेलवे देशभर के 1309 रेलवे स्टेशनों की दशा बदलने का काम कर रहा है। इस पर 13,355 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। देश के कई स्टेशन अंतरराष्ट्रीय स्तर के बनाए जा रहे हैं।
राज्य स्टेशनों की संख्या
राजस्थान 83
मध्यप्रदेश 80
छत्तीसगढ़ 32
समय के साथ होगी फ्यूल की बचतदिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का काम तेजी से चल रहा है। देश का यह सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे नोएडा एयरपोर्ट से भी जुड़ेगा। करीब 1,352 किमी लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र को जोड़ेगा। दिल्ली से मुंबई करीब 12 घंटे में पहुंच सकेंगे। इस एक्सप्रेस-वे से जयपुर, कोटा, वडोदरा, सूरत, इंदौर समेत प्रमुख शहर जुड़ेंगे। हाईवे पर 55 एयरस्ट्रिप हैं, जहां फाइटर प्लेन भी उतर सकेंगे। एक्सप्रेस-वे से सालाना 32 करोड़ लीटर फ्यूल बचेगा और 86 करोड़ किलो कार्बन उत्सर्जन घटेगा। इतना प्रदूषण चार करोड़ पेड़ घटा सकते हैं।
जेवर एयरपोट : 1.2 करोड़ यात्री क्षमतादेश के सबसे व्यस्त इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 72 किमी की दूरी पर नोएडा में भारत का सबसे बड़ा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है। करीब 334 हेक्टेयर के इस एयरपोर्ट के पहले चरण का 70 फीसदी से अधिक काम पूरा हो चुका है। एयरपोर्ट अक्टूबर तक शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। यहां सालाना 1.2 करोड़ यात्री सफर कर सकेंगे। यह प्रोजेक्ट चार चरणों में 30 साल में पूरा होगा। इस पर 29,650 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पांच रनवे बनेंगे, जिन पर सात करोड़ यात्री हर साल आ-जा सकेंगे।