राजस्थान-केकड़ी में पेट्रोल डालने पर भी नहीं जले रावण-मेघनाथ और कुम्भकरण के पुतले
केकड़ी.
केकड़ी जिला मुख्यालय पर दशहरा पर्व के अंतर्गत रावण, कुम्भकरण और मेघनाथ के पुतले दहन का कार्यक्रम तमाशा बनकर रह गया। लाख जतन करने पर भी ये पुतले नहीं जल पाए, जिस पर उन्हें पेट्रोल डालकर जलाने की भी कोशिश की गई। मगर फिर भी पुतले पूरे नहीं जले। यह नजारा देखकर लोगों ने नगर परिषद के अधिकारियों व पुतले बनाने वाले ठेकेदार को कोसते हुए व्यवस्थाओं का जमकर मजाक उड़ाया। उधर समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद क्षेत्रीय विधायक शत्रुघ्न गौतम भी इस अजीबोगरीब स्थिति से हक्के बक्के रह गए।
वे बुरी तरह उखड़ गए और उन्होनें अधिकारियों व ठेकेदार को जमकर खरी खोटी सुनाई। केकड़ी जिला मुख्यालय पर नगर परिषद के तत्वावधान में आयोजित विजयादशमी पर्व में हर वर्ष की तरह दशहरा मनाने व रावण दहन देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पटेल मैदान पर जमा हो गए। मैदान पर रावण का 51 फिट एवं कुम्भकरण व मेघनाथ के 35-35 फिट के पुतले भी शान से खड़े दिखाई दिए। रघुनाथजी महाराज की शोभायात्रा के पश्चात पटेल मैदान पर विजयादशमी पर्व की शुरुआत की गई। उत्सव के अंतर्गत विजयवर्गीय समाज के लोगों द्वारा रामचरितमानस की प्रमुख चौपाइयों का अनुवाद करते हुए राम कथा के विभिन्न दृष्टांतो सीताहरण, जटायु वध, लक्ष्मण मूर्छा, लंका दहन व रावण वध का सजीव मंचन किया। सब लीला पूरी हो जाने के बाद रावण व अन्य पुतलों के दहन का समय आया, मगर फिर मानो मैदान पर रावण की लीला शुरू हो गई और पुतलों ने जलने से इंकार कर दिया। सभी प्रकार के प्रयास कर लेने पर भी रावण, कुम्भकरण व मेघनाथ के पुतले नहीं जल पाए। सबसे पहले कुम्भकर्ण के पुतले का दहन शुरू किया गया। लेकिन काफी प्रयास करने के बावजूद पुतला नही जला। इसके बाद कुम्भकरण को छोड़कर मेघनाद के पुतले को जलाने की कोशिश की, मगर वह भी नही जला। काफी कोशिश करने के बाद पुतला धीरे-धीरे जलता रहा। फिर भगवान राम बने पात्र ने अग्नि बाण चला कर रावण के पुतले को अग्नि के हवाले करने की रस्म पूरी की। मगर फिर रावण का पुतला जलाने के जतन भी असफल हो गए। इसके बाद पेट्रोल मंगाया गया, मगर पांच लीटर पेट्रोल छिड़क देने के बाद भी रावण का पुतला नहीं जल सका। यह नजारा देख लोगो में अप्रसन्नता व्याप्त हो गई और भीड़ ने शोर मचाना शुरु कर दिया। काफी प्रयास करने के बाद तीनों पुतले धीरे-धीरे सुलगते रहे। इसके बीच ही मुहूर्त का समय हो जाने से औपचारिकता पूरी करते हुए विधायक शत्रुघ्न गौतम सहित अन्य अतिथियों ने विभीषण का राजतिलक कर दिया। इसके बाद भगवान रघुनाथ की आरती की गई। तब तक भी तीनों पुतले अधजले ही सुलगते रहे। इस वाकये की शहर में व्यापक चर्चा हुई और लोग जिम्मेदार लोगों की कड़ी निंदा करते देखे गए। दशहरा पर्व में रावण, कुम्भकरण व मेघनाथ के पुतले बनाने का ठेका डेढ़ लाख रुपयों में फतेहपुर सीकरी के कफील अहमद फारुकी एवं उनकी टीम के सदस्यों को दिया गया था तथा रावण दहन के दौरान आतिशबाजी का ठेका 75 हजार रुपयों में बूंदी के रऊफ खान एवं उनकी टीम को दिया गया था।
विधायक हुए क्रोधित
कार्यक्रम स्थल पटेल मैदान पर पुतले नहीं जलने से विधायक शत्रुघ्न गौतम अत्यधिक नाराज हुए तथा पुतले बनाने वाले ठेकेदार सहित नगर परिषद के कर्मचारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई गई। विधायक गौतम ने झल्लाकर यहां तक कहा कि पुतलों का दहन होना आवश्यक है। अब इन्हें चाहे जैसे जलाओ। मगर तमाम कोशिशों के बावजूद न कुम्भकरण जला न मेघनाथ और न ही रावण।
सभापति और अधिकारी नदारद
प्रति वर्ष विजयादशमी पर्व नगर परिषद की ओर से आयोजित किया जाता है, लेकिन इस बार एक भी अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद नहीं था। मेले में काफी देर बाद उपखण्ड अधिकारी सुभाष चन्द्र हेमानी उपस्थित हुए। मेले में जिला कलेक्टर श्वेता चौहान व नगर परिषद के सभापति कमलेश साहू सहित सभी प्रमुख अधिकारी नदारद थे।