राजनीति

देश सभी का संविधान सभी का है, पूरे देशवासियों को एक रहने को क्यों नहीं कहते आरएसएस या मोहन भागवत: दिग्विजय सिंह

इंदौर
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने विजयदशमी की इंदौर, मप्र और देशवासियों को शुभकामनाएं दी। इंदौर में मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रभु राम ने रावण का वध किया उसी तरह देश में सद्भाव अन्याय और अहिंसा के लिए काम करने वालों को भगवान राम का आशीर्वाद मिले। दुर्गाअष्टमी पर कन्या पूजन को लेकर कहा कि हमने तो पहले भी कन्या पूजन किया है। आपने ध्यान नहीं दिया। शस्त्र पूजन क्षत्रिय करते रहे हैं। जो अहिंसा करे वह आज का रावण है।

वहीं मोहन भागवत के बयान को लेकर कहा कि देश सभी का संविधान सभी का है, पूरे देशवासियों को एक रहने को क्यों नहीं कहते आरएसएस या मोहन भागवत। वे सनातन की बात करते हैं तो पूरा विश्व हमारा है, हमारा एक ही नारा है हम पहले भारतीय है। भारतीय संविधान और सनातन एक ही है। जब मुगलों का राज था जब अंग्रेजी का राज था तब हिंदू खत्म नहीं हुआ तो अब हिंदू सम्राट मोदी के राज में हिंदू संकट में कैसे हो सकता है।

वहीं एक गरबा में गैर हिंदू की नो एंट्री को लेकर कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सभी को आमंत्रित करना चाहिए, हम ईद मिलन और होली मिलन में जाते है। गरबा गुजरात से आई संस्कृति है इसमें सभी जाए एक जुटता नजर आए।

भोपाल ड्रग्स कांड को लेकर कहा कि हमारे लिए यह युवाओं के लिए खतरे को घंटी है। देश के युवाओं को तीन चीजें बिगाड़ रही है ड्रग्स, नासिक से कैप्सूल चलता है, ऑनलाइन गेमिंग से युवा बहुत अधिक लुट रहे हैं। हर कोई करोड़ पति बनाना चाहता है। इसे बंद करना चाहिए।  तीसरा शराब है इसे भी बंद होना चाहिए। सरकार की नाक के नीचे ड्रग्स बांट रहा है आप कुछ नहीं कर पा रहे। एनसीबी गुजरात की पुलिस 15 दिन से वहां थी। भोपाल पुलिस कमिश्नर को कोई जानकारी नहीं है। यह हमारे लिए बड़ा कलंक है, हमारी राजधानी में सरकार की नाक के नीचे ड्रग्स फैक्ट्री चल रही थी। इसमें गुजरात पुलिस को एमपी पुलिस पर भरोसा नहीं था, उन्हें एमपी पुलिस पर मिलीभगत का शक था।

थाने में शस्त्र पूजन पर कहा कि थाने में शस्त्र पूजा पर आपत्ति नहीं है, लेकिन वहां किसी एक धर्म का आयोजन होगा तो आपत्ति है। नरेला विधायक पर भ्रष्टाचार का आरोप है, उसकी एफआईआर करवाने थाने जाने कर भाजपा द्वारा सुंदर काण्ड करवा दिया जाता है। थानों में धार्मिक अनुष्ठान हो कोई आपत्ति नहीं है न्याय सभी को मिलना चाहिए हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सबको।

 

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