मध्यप्रदेश

उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिये सुगम विद्युत (सुविधा) योजना : ऊर्जा मंत्री श्री तोमर

भोपाल
प्रदेश की घोषित एवं अघोषित अवैध कॉलोनियों के रहवासियों को स्थायी विद्युत कनेक्शन देने के लिये आवश्यक अधोसंरचना निर्माण की लागत के भुगतान में राहत देने हेतु "सुगम विद्युत (सुविधा) योजना-2024" लागू की गई है। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि इन कॉलोनियों के रहवासियों की समस्याओं के समाधान के लिये बनाई गई यह योजना दो वर्ष के लिये लागू रहेगी। योजना में निर्धारित शर्तों के अधीन अधोसंरचना लागत राशि किश्तों में जमा की जा सकती है। योजना की समीक्षा के बाद इसे आगे बढ़ाने पर विचार किया जायेगा।

पात्रता
ऐसी अवैध कॉलोनियाँ जो रेरा में पंजीकृत नहीं है, के नये आवेदक जो विद्युत कनेक्शन के लिये आवश्यक विद्युत अधोसंरचना का निर्माण विद्युत वितरण कम्पनियों से कराना चाहते हैं, परन्तु प्राक्कलन राशि का एकमुश्त भुगतान नहीं कर पाने के कारण नवीन कनेक्शन नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं, योजना अंतर्गत पात्र होंगे। यह योजना केवल व्यक्तिगत आवेदकों और आवेदकों के समूह के लिये लागू होगी। हाउसिंग सोसायटी/बिल्डर/कालोनाइजर इस योजना में पात्र नहीं होंगे।

प्रावधान
योजना में आवेदक या आवेदकों के समूह को निर्धारित राशि का न्यूनतम 25 प्रतिशत आवेदन के साथ एकमुश्त देना होगा। शेष राशि का भुगतान कनेक्शन चालू होने के बाद मासिक बिल के साथ ब्याज सहित किया जा सकेगा। भुगतान अधिकतम दो वर्ष की अवधि में कर सकेंगे।

योजना का लाभ लेने के लिये आवेदक को महाप्रबंधक/वृत्त कार्यालय में आवेदन देना होगा। साथ ही स्टॉम्प पेपर पर इस आशय का शपथ पत्र देना होगा कि वह योजना के प्रावधान के अनुसार राशि का भुगतान करेंगे। नवीन कनेक्शनों के लिये आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन देना होगा एवं विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित सर्विस कनेक्शन शुल्क, सुरक्षा निधि आदि भी देय होगा। आवश्यक अधोसंरचना का निर्माण बिजली कम्पनियों द्वारा निर्धारित एसओआर के अनुसार किया जायेगा।

निर्धारित किश्तों एवं मासिक देयकों का भुगतान नहीं किये जाने पर 15 दिवस की सूचना देकर बिजली कनेक्शन काटा जा सकेगा। योजना अवधि में कोई उपभोक्ता अपने परिसर का हस्तांतरण किसी अन्य व्यक्ति को करता है, तो निर्धारित शर्तों के तहत सभी सुविधाएं नये उपभोक्ता को प्राप्त हो सकेंगी। जिनके विरूद्ध कोई अन्य बकाया राशि या विद्युत चोरी के प्रकरण लंबित हैं, वे प्रकरण निराकरण होने तक योजना के पात्र नहीं होंगे। न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों में लाभ दिये जाने से पहले आवेदक द्वारा प्रकरण न्यायालय से वापस लिया जाना अनिवार्य होगा।

योजनांतर्गत किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में प्रकरण का निराकरण विभागीय समिति द्वारा किया जायेगा। समिति में अपर मुख्य सचिव ऊर्जा, प्रबंध संचालक, एमपी पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी और विधि विशेषज्ञ होंगे। समिति के संयोजक संबंधित विद्युत वितरण कम्पनी के प्रबंध संचालक होंगे। योजनावधि में प्राप्त होने वाले आवेदनों पर भी विचार किया जायेगा। योजनावधि समाप्ति के अंतिम दिन तक प्राप्त सभी आवेदनों के निराकरण हर स्थिति में योजना समाप्ति दिनांक से 30 दिन के अंदर कर दिया जायेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button