अपने ही पिता के बैंक खातों से अपना नंबर लिंक कराकर 90 लाख 8 हजार 620 रुपए की ठगी
दमोह
दमोह शहर के एक कपड़ा व्यापारी लोकेश गांगरा ने अपने पिता के बैंक खातों से अपना नंबर लिंक कराकर 90 लाख 8 हजार 620 रुपए की ठगी कर डाली। पिता को जानकारी लगी तो ठगी करने वाले छोटे बेटे की पुलिस में शिकायत कर उसे जेल भी भिजवा दिया। पिता ने बेटे द्वारा किए गए धोखे को लेकर जबलपुर में जो एफआईआर लिखवाई। उसमें स्पष्ट उल्लेख किया मेरे साथ ठगी हुई है। इसलिए उस व्यक्ति को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाए, चाहे वह मेरा अपना की क्यों न हो। पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार करके उसे कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया।
यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार यह घटना नया बाजार दो निवासी दयाचंद्र जैन (85) और उनकी पत्नी सुशीला जैन (80) के साथ हुई है। पिता दयाचंद्र जैन ने पुलिस में दर्ज कराई एफआईआर में बताया कि उसके दो बेटे राजीव गांगरा (60) और लोकेश गांगरा (58) हैं। 12 साल पहले छोटे लोकेश गांगरा से विवाद होने के चलते वह जबलपुर में बड़े बेटे राजीव गांगरा के पास रहने आ गए थे। बड़ा बेटा आकाशवाणी जबलपुर में रहता है। अगस्त 2023 में लोकेश जबलपुर आया और माफी मांगते हुए दमोह साथ चलने के लिए कहने लगा। जिस पर हम दोनों दमोह आ गए थे, लेकिन यहां उसने फिर से विवाद किया और हम लोग वापस बड़े बेटे के पास जबलपुर पहुंच गए। वहां जब बैंक खातों की डिटेल निकाली तो यह पता चला।
नेट बैंकिंग और ओटीपी के जरिए निकाली राशि
जब लोकेश के पास माता-पिता जबलपुर से दमोह रहने आ गए तो इस बीच उन्होंने बैंक खातों की जानकारी अपडेट कराई। उसने पिता के तीन खाते और मां के एक खाते में अपना मोबाइल नंबर और मेल आईडी दर्ज करा दी। नेट बैकिंग और ओटीपी के जरिए उसने पिता दयाचंद के नाम से संचालित एचडीएफसी बैंक खाते से 27 लाख 32 हजार, एसबीआई खाते से 3 लाख 8 हजार रुपए और बंधन बैंक खाते से 43 लाख 48 हजार रुपए निकाल लिए।
इसी तरह मां सुशीला जैन के खाते से 16 लाख 20 हजार रुपए निकालकर अपने खाते और दुकान के खाते में ट्रांसफर कर लिए थे। इसी तरह चारों खातों से छोटे बेटे लोकेश गांगरा ने 90,08,620 रुपए की धोखाधड़ी की थी। वर्तमान में पिता दयाचंद जैन बड़े बेटे राजीव गांगरा के पास हैं। इसलिए उन्होंने इस मामले की एफआईआर जबलपुर में स्टेट साइबर सेल में दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 419, 420, और 66 डी के तहत मामला दर्ज किया है। जिसमें धारा 419 में छल करने पर तीन साल की सजा, धारा 420 में किसी दूसरे व्यक्ति के साथ छल करके उसकी संपत्ति हासिल करने और धारा 66 डी के तहत मोबाइल का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी करना शामिल है। जबलपुर की पुलिस ने दमोह आकर लोकेश को गिरफ्तार करके ले गई थी।, फिर उसे जेल भेज दिया है।
पिता ने एफआईआर लिखवाई मेरा अपना ही क्यों न हो, जेल भेजें
दयाचंद्र ने एफआईआर में स्पष्ट लिखवाया है कि मेरे के साथ 90,08,620 रुपए की ठगी और जालसाजी हुई है। इसलिए आरोपी को गिरफ्तार करके उसे जेल भेजा जाए, चाहे वह मेरा अपना ही क्यों न हो। दरअसल लोकेश गांगरा दमोह के नया बाजार नंबर 2 में रहता और पीपल के पास गांगरा साड़ी शोरूम संचालक करता था।