टेस्ट क्रिकेट में अश्विन ने लीजेंड्री स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी कर ली
नई दिल्ली
हाल ही में संपन्न हुई बांग्लादेश टेस्ट सीरीज में रविचंद्रन अश्विन को प्लेयर ऑफ द सीरीज के अवॉर्ड से नवाजा गया। अश्विन ने चेन्नई टेस्ट की पहली पारी में शतक जड़ने के साथ 6 विकेट हॉल लिया था, वहीं दूसरे मैच में भी उन्होंने बांग्लादेशी शेरों को जल्द ढेर करने में अहम भूमिका निभाई थी। अश्विन ने इस सीरीज में अपने बल्ले से 57 की औसत के साथ कुल 114 रन बनाए, वहीं संयुक्त रूप से सर्वाधिक 11 विकेट भी चटकाए। अश्विन के अलावा जसप्रीत बुमराह को सीरीज में इतनी ही सफलताएं मिली थी।
अश्विन ने इस प्लेयर ऑफ द सीरीज के अवॉर्ड से के साथ श्रीलंका के लीजेंड्री स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। जी हां, अश्विन और मुरलीधरन के नाम टेस्ट क्रिकेट में अब सर्वाधिक 11-11 प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड है। मगर क्या आप जानते हैं कि अश्विन अभी तक इस वर्ल्ड रिकॉर्ड को अपने नाम कर चुके होते, अगर पिछले साल वेस्टइंडीज क्रिकेट ने बड़ी भूल ना की होती तो।
दरअसल, पिछले साल भारत जब दो मैच की टेस्ट सीरीज के लिए वेस्टइंडीज दौरे पर गया था तो उन्होंने मेजबानों को सीरीज में 1-0 से मात दी थी। दूसरे मैच में मोहम्मद सिराज को प्लेयर ऑफ द मैच के अवॉर्ड से तो नवाजा गया, मगर बोर्ड ने प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड किसी को नहीं दिया। जबकि अश्विन सीरीज में शानदार प्रदर्शन कर इसके हकदार थे।
वेस्टइंडीज के खिलाफ उस सीरीज में अश्विन ने 15 विकेट चटकाए थे, जबकि कोई अन्य गेंदबाज 7 से अधिक विकेट नहीं चटका पाया था। वहीं टेस्ट डेब्यू कर रहे यशस्वी जायसवाल प्लेयर ऑफ द सीरीज के दूसरे दावेदार थे जिन्होंने 88.66 की औसत से 266 रन बनाए थे।
अश्विन को अगर उस दौरान प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड मिला होता तो आज वह 12 प्लेयर ऑफ द सीरीज के अवॉर्ड के साथ इस वर्ल्ड रिकॉर्ड को अपने नाम कर चुके होते।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, क्रिकेट वेस्टइंडीज ने इस गलती के लिए एक भारतीय एजेंसी को दोषी ठहराया है, जिसने इस सीरीज को प्रायोजित किया था। दूसरी ओर, भारतीय एजेंसी ने बताया कि वे केवल व्यावसायिक गतिविधियों के लिए जिम्मेदार थे और प्लेयर ऑफ द सीरीज पुरस्कार वेस्टइंडीज क्रिकेट शासी निकाय की जिम्मेदारी थी।
हालांकि, अगर मैच के बाद बोर्ड खिलाड़ी या टीम को अवॉर्ड देना भूल जाता है तो उसे बाद में दे दिया जाता है, मगर इस मामले में अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।