मध्यप्रदेश

सुसाइड की उम्र और कारणों पर स्टडी करेगा इंटेलिजेंस, निकाले 3 साल के आंकड़े

इंदौर
आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस नई पहल की शुरुआत करने जा रही है। इसमें गूगल, डॉक्टर और काउंसलर की सहायता ली जाएगी। आयुक्त राकेश गुप्ता ने पिछले तीन वर्षों के आंकड़े निकलवाए हैं। इनके आधार पर इंटेलिजेंस से आत्महत्या करने वालों की उम्र, स्थान, कारण का विश्लेषण करवाया जा रहा है।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून) अमित सिंह के मुताबिक, इंदौर प्रदेश का सबसे बड़ा शिक्षा केंद्र है। देशभर के छात्र-छात्राएं कालेज और कोचिंग संस्थानों में पढ़ने आते हैं। कई बार पढ़ाई और स्वजन के दबाव में भी बच्चे आत्महत्या कर लेते हैं।

पिछली घटनाओं में देखा गया कि कई लोगों ने आत्महत्या के पूर्व गूगल सर्च इंजन से जानकारी जुटाई थी। लिहाजा गूगल से करार किया जाएगा। जब भी कोई व्यक्ति तनाव, आत्महत्या की मंशा व्यक्त करने, स्वयं को नुकसान पहुंचाने और उससे जुड़े फोटो-वीडियो सर्च करेगा, गूगल तुरंत पुलिस को खबर करेगा।

साइबर एक्सपर्ट मोबाइल नंबर और फोन के आधार पर उस व्यक्ति तक पहुंच सकेंगे। एडी. सीपी के मुताबिक, पुलिस मनोचिकित्सकों और काउंसलर से भी संपर्क में रहेगी। डॉक्टर से ऐसे लोगों का ब्योरा साझा करेगी, जो लगातार अवसाद में चल रहे हैं, उनके अंदर बार-बार आत्महत्या का भाव आता है। ऐसे लोगों को स्वजन और काउंसलर की मदद से समझाया जाएगा।

अकेला छोड़ने पर हुईं घटनाएं

एडी. सीपी अमित सिंह के मुताबिक, पिछली कुछ घटनाओं में देखा गया कि अवसाद का उपचार कर रहे कुछ लोगों ने अकेला छोड़ते ही आत्महत्या कर ली। एक युवती का उपचार कर रहे डॉक्टर ने दवाओं के साथ-साथ अकेला न छोड़ने के बारे में भी लिखा था।

खरगोन के एक एएसआई ने भी अकेले में आत्महत्या कर ली थी। जबकि वह आत्महत्या के एक मामले की जांच करने गया था। ऐसे में डॉक्टर से अवसाद के मरीजों का डेटा लेकर काउंसलिंग की जाएगी।

मेटा से मिलता है साइबर सेल को अलर्ट

मेटा (फेसबुक) से पुलिस को अलर्ट मिलता है। जब भी कोई व्यक्ति आत्महत्या करने के बारे में मैसेज, फोटो और वीडियो साझा करता है तो मेटा साइबर सेल को अलर्ट कर देता है। पुलिस अब गूगल की सहायता लेकर घटनाएं रोकेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button