संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा 2 घंटे के लिए रेल चक्का किया जाम, यात्री परेशान, कई ट्रेनें डाइवर्ट
फिरोजपुर
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक ) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा देशभर में रेल चक्का जाम करने की घोषणा के अनुसार आज जिला फिरोजपुर में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब और सहयोगी जत्थेबंदीयों के किसान मजदूरों द्वारा अपनी मांगों को लेकर 2 घंटे के लिए फिरोजपुर, मक्खू , मल्लांवाला ,तलवंडी भाई ,फिरोजशाह और गुरुहरसहाय में मुकम्मल तौर पर रेल चक्का जाम करते रोष धरने दिए गए और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई।
फिरोजपुर छावनी के रेलवे स्टेशन पर लगाए गए रोष धरने को संबोधन करते हुए किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के प्रधान सुखविंदर सिंह सभरा ,जिला प्रधान इंद्रजीत सिंह बाठ, सचिव गुरमेल सिंह, नरेंद्र पाल सिंह जताला, सुरजीत सिंह फौजी और बूटा सिंह आदि ने कहा के दिल्ली आंदोलन के दौरान 3 अक्टूबर 2020 को लखीमपुर की घटना में 4 किसानों और एक पत्रकार को एक षड्यंत्र के तहत गाडी के नीचे कुचलकर मार दिया गया था मगर आज तक इस हत्याकांड के दोषियों को सजाएं नहीं दी गई और ना ही दिल्ली आंदोलन के दौरान किसान मजदूर से किए गए वायदों को केंद्र सरकार द्वारा पूरा किया गया है।
उन्होंने कहां के भाजपा नेता अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा टैनी और उसके साथी गुंडो को सख्त से सख्त सजाऐं दी जाऐं और शहीद हुए किसानों तथा पत्रकार के परिवारों को इंसाफ दिया गया तथा आंदोलन की समाप्ति के समय केंद्र सरकार द्वारा किसान मजदूरो से मांगों को लेकर जो वायदे किए गए थे उन्हें पूरा किया जाए। उन्होंने शंभू बॉर्डर तोड़, खनौरी और रतनपुर बॉर्डर पर चल रहे मोर्चा के किसान मजदूरो की एमएसपी का गारंटी कानून, फसली बीमा योजना, प्रदूषण एक्ट से किसानों को बाहर निकलने , चिप वाले प्रीपेड बिजली मीटर लगाने बंद करने, मजदूरों को 700 रुपए दिहाड़ी, नरेगा के तहत 200 दिन काम देने और किसानों का सारा कर्ज खत्म करने आदि मांगों को केंद्र सरकार तुरंत मांगते हुए लागू करें ।
किसान नेताओं ने जिला फिरोजपुर में डीएपी खाद आवश्यकता के अनुसार किसानों को उपलब्ध करवाने और नकली खाद बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने, किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए परचे रद्द करने ,असला लाइसेंस रद्द करने वाले फरमान वापस लेने आदि की मांग की और कहां के अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो अधिकारियों, विधायकों और मंत्रियों की गांवों में एंट्री किसानों द्वारा बंद कर दी जाएगी।