मध्यप्रदेश

दमोह में बनेगा इतिहास, पहली बार सिंग्रामपुर में होगी ‘मोहन कैबिनेट’ की बैठक, तैयारियां शुरू

दमोह

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगली कैबिनेट बैठक 5 अक्टूबर को दमोह के सिंग्रामपुर में होने जा रही है, सिंग्रामपुर रानी दुर्गावती का कार्य क्षेत्र रहा है सिंगौरगढ़ का किला भी ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, सिंग्रामपुर में ही कैबिनेट की बैठक आयोजित होगी।

मंत्री ने किया निरीक्षण

मध्य प्रदेश के संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने  सिंग्रामपुर में स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि बहुत ही सौभाग्य का विषय है कि जबेरा विधानसभा के सिंग्रामपुर में कैबिनेट होने जा रही है। इस मौके पर कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर, पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी, सीईओ जिला पंचायत अर्पित वर्मा, डीएफओ एमएस उइके, एडीशनल एसपी संदीप मिश्रा, एसडीएम अविनाश रावत,  सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपनी कैबिनेट के साथियों के साथ यहां उतरेंगे। बैठक का उद्देश्य सिंग्रामपुर पंचायत से सटे जंगल और रानी दुर्गावती के किले के पर्यटन महत्व में इजाफा करना है।

बैठक के चलते यहां के जंगली रास्ते को दुरुस्त करने का काम वन विभाग ने शुरू कर दिया है। पिछले एक सप्ताह से पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम यहां लगातार आवाजाही कर रही है। अलग-अलग स्थानों पर बैरिकेडिंग की भी प्लानिंग की गई है।

बतौर सीएस अनुराग जैन की पहली कैबिनेट सिंग्रामपुर की इस कैबिनेट बैठक में नए मुख्य सचिव अनुराग जैन पहली बार कैबिनेट सचिव के रूप में मौजूद रहेंगे। हालांकि, मुख्यमंत्री सचिवालय ने अभी तक बैठक के लिए अधिकृत तौर पर दमोह जिला प्रशासन को सूचना नहीं दी है, लेकिन 24 सितंबर को हुई कैबिनेट बैठक में लिए फैसले के आधार पर सागर संभागायुक्त, आईजी और दमोह कलेक्टर-एसपी यहां विजिट कर व्यवस्था बनाने में जुट गए हैं।

सागर संभाग कमिश्नर डॉ. वीरेंद्र कुमार रावत और आईजी प्रमोद कुमार वर्मा ने संयुक्त रूप से सिंग्रामपुर में कैबिनेट बैठक स्थल, वीरांगना रानी दुर्गावती प्रतिमा स्थल, लाड़ली बहना एवं स्व सहायता समूह कार्यक्रम स्थल के साथ वीरांगना रानी दुर्गावती का किला, तालाब, वीरांगना रानी दुर्गावती के देवी पूजन स्थल के अलावा निदान कुंड स्थल का जायजा लिया है।

दिए निर्देश

राज्यमंत्री महेंद्र लोधी ने सिंग्रामपुर में खेल मैदान, वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा स्थल, गुबरा में हैली पेड स्थल सहित अन्य स्थानों का निरीक्षण किया तथा अधिकारियों से इस संबंध में विचार विमर्श किया।

सिंग्रामपुर से 4 किमी दूर जंगल में है महल दमोह से 60 किमी दूर सिंग्रामपुर ग्राम पंचायत है। वहां से 4 किमी दूर पहाड़ी पर रानी दुर्गावती का महल है। उनका पूजा स्थल अभी भी है। यहां जंगल के रास्ते ही पहुंचा जा सकता है। यहीं पर निदान वाटरफॉल है।

दुर्गा अष्टमी के दिन रानी की 500वीं जयंती रानी दुर्गावती का जन्म उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के कालिंजर किले में सन 1524 में दुर्गाष्टमी के दिन हुआ था। कालिंजर के राजा कीर्ति सिंह चंदेल की इकलौती संतान का नाम दुर्गावती रखा गया था। दमोह जिले के सिंग्रामपुर के सिंगौरगढ़ में रानी दुर्गावती का किला आज भी है। यह किला रानी की वीरता की कहानियां बताता है। जिले के बटियागढ़ ब्लॉक के आंजनी गांव में रानी की 7वीं पीढ़ी रहती है। इसी साल दुर्गा अष्टमी को उनकी 500वीं जयंती है।

 

 

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